पराली जलाने वाले पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे :बाजवा

धान के अवशेष जलाने पर रोक लगाने के लिये ठोस कदम उठाये जा रहे हैं;

Update: 2018-10-04 18:13 GMT

चंडीगढ़। पंजाब सरकार धान के अवशेष जलाने वालों को पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित करने पर विचार कर रही है । 
यह जानकारी ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने आज दी।

उन्होंने कहा कि धान के अवशेष (पराली) जलाने पर रोक लगाने के लिये ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। अवशेष जलाने से रोकने के लिये चलायी जाने वाली मुहिम पर निगरानी रखने के लिये बड़ी संख्या में नोडल अफसर नियुक्त किये गये हैं । 
उन्होंने बताया कि इस मामले में पंचायती राज एक्ट में संशोधन के बारे में विचार किया जा रहा है।

इस संशोधन के बाद पराली जलाने वालों को पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य करार देने के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। किसानों को इसके दुष्प्रभावों से जागरूक करने के लिये व्यापक मुहिम चलायी जा रही है । 
बाजवा ने कहा कि धान के अवशेष मिट्टी में मिलाने के लिये कृषि विभाग मशीनरी देने पर सब्सिडी दी जा रही है।

इस सब्सिडी के कारण पराली जलाने के मामलों में लगभग चालीस फीसदी तक कमी आयी है। पराली जलाने पर रोक लगाने के शत प्रतिशत नतीजे हासिल करने के लिये कृषि विशेषज्ञों, किसान संगठनों और सामाजिक तथा धार्मिक नेताओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धान के अवशेष जलाने का स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

इससे मिट्टी के पौष्टिक तत्व तथा मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने सभी किसानों तथा पंचायतों को अपील की है कि वे लोगों को जागरूक करके पर्यावरण को बचाने के लिये आगे आयें ताकि सरकारों को कोई सख्त कदम न उठाना पड़े। सरकार का बेवजह सख्ती करने का कोई इरादा नहीं होता लेकिन लोकहित में सख्त फैसले लेने की जरूरत होती है ।

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