मुकाबला : कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाम भाजपा का घोषणा पत्र
अभी जो पहली निगाह में दिखा वह है भाजपा के घोषणा पत्र में हर पेज पर मोदी जी का फोटो;
- शकील अख्तर
देखना युवा को ही है कि उसे क्या करना है। कांग्रेस ने तो अपने घोषणा पत्र के शुरू में ही एक सवाल पूछा है। सवाल है कि क्या आपका जीवन 2014 की तुलना में बेहतर है? भाजपा के घोषणा पत्र आने के बाद युवाओं को इस सवाल का जवाब खोजना चाहिए। क्या वह 2047 तक इंतजार करेगा? 2014 में जिस की औसत आयु 27 वर्ष थी। वह 2047 में 60 वर्ष का हो जाएगा। परफेक्ट सीनियर सिटीजन।
अभी जो पहली निगाह में दिखा वह है भाजपा के घोषणा पत्र में हर पेज पर मोदी जी का फोटो। कितने होंगे गिनना पड़ेगा। 50 से ऊपर तो होंगे। फोटो के मामले में तो कांग्रेस के घोषणा पत्र से बहुत आगे है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में तो राहुल के तीन चार फोटो होंगे। और वह भी साथ में। अकेला तो कोई दिखा नहीं। बाकी मोदी जी के फोटो में तो कोई उनके साथ फ्रेम में आ ही नहीं सकता। सारे फोटो एकल होते हैं।
और बाकी क्या तुलना करें! कांग्रेस की 30 लाख सरकारी नौकरियों का जवाब तो भाजपा के घोषणा पत्र में कहीं दिख नहीं रहा। न महंगाई की बात। न शिक्षा फ्री करने की बात। घोषणा पत्र शुरू ही मोदी जी के देश के नाम संदेश से होता है। जिसमें वे 23 साल बाद की बात 2047 की कर रहे हैं। दस साल में लाखों युवा ओवर एज हो गए। और 2047 तक वे भी हो जाएंगे जो अभी टीन एज (किशोरावस्था) में आ रहे हैं या आए ही हैं।
लेकिन जो भी हो यह मुकाबला अच्छा है। घोषणा पत्र बनाम घोषणा पत्र का। कांग्रेस के घोषणा पत्र ने देश में उम्मीद की एक नई लहर पैदा कर दी थी। उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल ने एक करोड़ रोजगार की बात करके उस उम्मीद को और परवान चढ़ा दिया। इससे पहले बिहार में सरकार में रहते हुए तेजस्वी यह कारनाम कर चुके थे। लाखों शिक्षकों को नौकरी देने का। इसलिए उनका केन्द्र में इंडिया गठबंधन की सरकार आने पर नौकरियों को प्राथमिकता देने के वादे का युवाओं और उनके माता-पिताओं पर गहरा असर हुआ। अब लग यह रहा था कि कांग्रेस आरजेडी इन सबका जवाब देने के लिए मोदी जी नौकरियों का खजाना वैसे ही खोल देंगे जैसे उन्होंने अडानी-अंबानी के लिए सरकार के खजाने खोल दिए हैं।
मगर 76 पेज के संकल्प पत्र में, जाहिर है कांग्रेस के 46 पेज के न्याय पत्र से ज्यादा पेज का निकालना था, युवाओं को नौकरी देने की गारंटी ढूंढे नहीं मिल रही है।
एक चेप्टर है युवाओं को अवसर मोदी की गांरटी। मगर उसमें सरकारी नौकरी का कहीं जिक्र नहीं दिख रहा है। एक उप शीर्षक है- पारदर्शी सरकारी भर्तियां। मगर उसमें सरकारी नौकरी कितनी और कब देंगे के बदले पेपर लीक नियंत्रण के लिए कड़े कानून बनाने की की बात है। और पारदर्शी सरकारी परीक्षाओं की।
अभी तक यह दोनों काम क्यों नहीं किए इसका कोई कारण नहीं बताया है। युवाओं से हर वादा ऐसा है कि अभी और जीते होते यही इंतजार होता। 2014 में मोदी जी आए थे। उस समय जो युवा था वह दस साल से इंतजार कर रहा है। अब इस घोषणा पत्र में उससे कहा है 2047। मतलब 2014 के 33 साल बाद का नक्शा। तब तक 2014 का युवा वरिष्ठ नागरिक हो चुका होगा। शायद इसलिए वह वरिष्ठ नागरिकों वाला चेप्टर ज्यादा ध्यान से पढ़ रहा है।
मोदी जी ने भी युवाओं के ठीक बाद अगले पेज पर ही वरिष्ठ नागरिकों को वरियता मोदी की गारंटी शीर्षक से चेप्टर लगाया है। 2014 से पहले वह पढ़ा-लिखा। 14 के बाद नौकरी का इंतजार करता रहा और फिर 2047 में विकसित भारत बनेगा पढ़कर वह वरिष्ठ नागरिकों के चेप्टर में अपना भविष्य देखने लगा है।
मजेदार है। देखना युवा को ही है कि उसे क्या करना है। कांग्रेस ने तो अपने घोषणा पत्र के शुरू में ही एक सवाल पूछा है। सवाल है कि क्या आपका जीवन 2014 की तुलना में बेहतर है? भाजपा के घोषणा पत्र आने के बाद युवाओं को इस सवाल का जवाब खोजना चाहिए। क्या वह 2047 तक इंतजार करेगा? 2014 में जिस की औसत आयु 27 वर्ष थी। वह 2047 में 60 वर्ष का हो जाएगा। परफेक्ट सीनियर सिटीजन। ढूंढे कि उस उम्र के क्या-क्या लाभ मिलते हैं। वैसे बता दें कि सीनियर सिटीजन को मिलने वाले रेल यात्रा कंसेशन को मोदी सरकार बंद कर चुकी है। और न केवल बंद कर चुकी है बल्कि इसका फायदा भी देश को यह कहकर बता चुकी है कि वरिष्ठ नागरिकों के रेल किराए में छूट खत्म करके हमने 5800 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाए भी।
मतलब वरिष्ठ नागरिक जिनके पास आय का कोई जरिया नहीं होता उनसे भी पैसे छीने। और इसे गर्वपूर्वक अपनी कमाई बता रहे हैं। यह ऐसा ही है जैसे घर में वृद्ध माता-पिता की दवाइयां बंद करके या उनके खाने-पीने में से दूध, दही, घी, फल, सब्जी निकालकर कहा जाए हमने इतने पैसे कमाए! 2047 के विकसित भारत का सपना देख रहे युवाओं को यह देख लेना चाहिए उस समय जो वे वरिष्ठ नागरिक हो चुके होंगे तो उनके लिए क्या होगा। युवावस्था में नौकरी नहीं और वृद्धावस्था में उनके खाने-पीने, दवाइयों से कटौती करके कमाई! इसलिए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पूछा है कि क्या जीवन 2014 की तुलना में बेहतर है? दें युवा जवाब। और बाकी सब भी दें।
चुनाव है। मौका है। मुंह से बोलने से डर लगता है तो वोट से दें। जवाब दें कि क्या 2014 से पहले जो पढ़ाई-लिखाई की वह 14 के बाद काम आई? या आगे जैसा बीजेपी बता रही है उसकी 2047 तक की योजना उसमें कोई भविष्य की संभावना दिख रही है?
बहुत बढ़िया है। दो प्रमुख पार्टियों के चुनाव घोषणा पत्र का मुकाबला। जनता देखे। युवा देखें। किस ने कितनी नौकरी, रोजगार का वादा किया है। सरकारी शिक्षा का वादा है। नि:शुल्क। भूमिहीनों को जमीनों का वादा है। किसानों को मजदूरों को महिलाओं को किसके लिए क्या ठोस घोषणा है और किसने क्या शब्द जाल फैलाते हुए सब्ज बाग़ दिखाए हैं।
मोदी जी ने तो बोल दिया कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र है। हड़कम्प मचा दिया। क्या देश में क्या विदेश में हर आदमी कांग्रेस का न्याय पत्र पढ़ने लगा। 46 पेज का है। एक-एक पेज पढ़ डाला। एक-एक शब्द। कहीं मुस्लिम लीग नहीं मिला। युवा, किसान, महिला, मजदूर, आम जनता, गरीब, दलित, पिछड़ा, आदिवासी मध्यमवर्ग ही मिलता चला गया। उसी के हितों की बातें मिलती चली गईं। मोदी जी ने यह क्या कर दिया। कांग्रेस के न्याय पत्र को एकदम हिट कर दिया। गरीब कमजोर युवाओं में लोकप्रिय। जो पढ़ना नहीं जानते वे भी वीडियो देख-देख कर सुन रहे हैं। मुस्लिम लीग कहीं मिलता नहीं। उनके मतलब की सारी बातें मिलती हैं। उनके बच्चों की मुफ्त शिक्षा की बात। उनके लिए मुफ्त सरकारी इलाज की बात। जमीन की बात। कर्ज माफी की बात। रोजगार की बात।
मोदी जी ने यह क्या कह दिया। अब उनका घोषणा पत्र आ गया। वह भी पढ़ते हैं। सुनते हैं। मगर नौकरी की बात तो कहीं मिल नहीं रही। महंगाई कम करने की बात भी नहीं। हां बुलेट ट्रेन के विस्तार की बात है। हैं न चौंकने वाली बात। बुलेट ट्रेन है कहां? जो इसका विस्तार होगा। मजेदार है। चुनाव इसी पर होना चाहिए। टीवी वालों डिबेटें शुरू कर दो। कांग्रेस का न्यायपत्र और भाजपा का संकल्प पत्र!
अगर यह हो गया दोनों के घोषणा पत्रों पर अखबारों और टीवी में बहस हो गई तो बड़ी मजेदार चीजें निकलकर सामने आएंगी। पहली तो यह कि फोटो के मामले में राहुल बुरी तरह हारेंगे। अभी किसी ने गिन कर बताया मोदी जी के 55 फोटो हैं। राहुल के 5 भी नहीं। दूसरे मोदी की गारंटी हैं। कांग्रेस राहुल का न्याय कह ही नहीं पाई। तो मोदी में राहुल कहीं मुकाबला नहीं कर पाएंगे। बस मीडिया को ध्यान यह रखना है कि नौकरी, बेरोजगारी, मंहगाई की बात न होने पाए। इन पर भाजपा के घोषणा पत्र में कुछ नहीं मिलेगा। यहां एंकरों को एकदम स्पष्टवादी बनना होगा। साफ कह देना होगा नौकरी, युवा, जनता, महंगाई कोई इशु नहीं। इशु है मुस्लिम लीग। और वह कांग्रेस के न्याय पत्र में कहां है। यह हम ढूंढ रहे हैं। और यकीन मानिए ढूंढ कर मानेंगे। मोदी जी ने कहा है तो है। उनकी दूसरी गारंटियों की तरह यह भी गारंटी है। जैसे बाकी गारंटी पूरी होंगी। यह भी होगी। आज नहीं तो कल। कल नहीं तो 2047 में। नहीं तो मोदी जी ने एक हजार साल की बात भी कही है। तब। हम बताएंगे ढूंढ कर कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग का जिक्र। हां, मगर हमसे यह उम्मीद मत कीजिए कि हम बीजेपी के घोषणा पत्र में से नौकरी, बेरोजगारी और महंगाई की बात ढूंढ कर बता दें। वह संभव नहीं है। रेत में सुई ढूंढने को कहेंगे तो वह भी ढूंढ सकते हैं। मगर भाजपा के घोषणा पत्र में नौकरी नहीं!
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है)