इलेक्रामा से जुड़ी कंपनियां केबल की जमात से निकलें बाहर : रविशंकर

प्रधानमंत्री का सपना डिजिटल इंडिया की रूपरेखा तैयार हो चुकी है, भारत को मेडिकल व इलेक्ट्रानिक्स का बहुत बड़ा केंद्र बनाना चाहता हूं, भारत में तेल के बाद इकोनामी का सबसे अधिक खर्च इलेक्ट्रानिक्स पर होता;

Update: 2018-03-15 13:35 GMT

ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री का सपना डिजिटल इंडिया की रूपरेखा तैयार हो चुकी है, भारत को मेडिकल व इलेक्ट्रानिक्स का बहुत बड़ा केंद्र बनाना चाहता हूं, भारत में तेल के बाद इकोनामी का सबसे अधिक खर्च इलेक्ट्रानिक्स पर होता है।

यह कहना है केन्द्रीय कानून एवं न्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का। 10 से 14 मार्च तक चलने वाले इलेक्रामा प्रदर्शनी में बुधवार को इंडिया एक्सपोमार्ट ग्रेटर नोएडा पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत में 120 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है, सरकार 2020 आधार को ड्राइविंग लाइसेंस व वोटर आईडी से जोड़ेगी। जिसके लिए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी बात हो चुकी है, इसकी रूपरेखा तैयार हो रही है।

इसी के तहत देश में इस समय 109 करोड़ मोबाइल हैं, जिनमें से 50 करोड़ स्मार्ट फोन हैं। 50 करोड़ इंटरनेट, 30 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खुले हैं। 120 करोड़ आधार कार्ड बने हैं जिनके प्रतिदिन छह करोड़ लोग किसी न किसी चीज में आधार का उपयोग कर रहे हैं। मनरेगा में उदाहरण देते हुए बताया कि तीन साल में तीन लाख करोड़ रुपये श्रमिकों को रोजगार के तहत दिए, जिनमें डिजिटल लेनदेन के चलते 57 हजार करोड़ जो अन्य जगह चले जाते थे वह सही जगह पहुंचे। वहीं, किसानों के लिए 300 मंडियों का डिजिटल से जोड़ा गया है। 

देवरिया व गाजीपुर में भी खोले बीपीओ

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आईटी मंत्री होने के चलते युवाओं को रोजगार से जोड़ना प्राथमिकता थी। पूर्व में जहां कुछ स्थानों पर ही बीपीओ में युवा कार्यरत थे। अब कानपुर, लखनऊ, बरेली, कोहिमा, इंफाल, पटना, मुजफ्फरनगर समेत देवरिया और गाजीपुर में भी बीपीओ खुले हैं, जिनमें युवा नौकरी कर रहे हैं।  कोहिमा और इंफाल में तो अमेरिका से भी बिजनेस मिल रहा है। 

डिजिटल इकॉनमी 65 हजार करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में केवल भारत में तीन कंपनियां मोबाइल बना रही थीं। वर्तमान में यह 118 कंपनियां हैं, जिनमें से 54 केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा में हैं। 2020 तक भारत में ही यहां की जरूरत का 96 फीसदी मोबाइल बनने लगेंगे। 2014 में जहां 19 हजार करोड़ का व्यापार था। वर्तमान में एक लाख 32 हजार करोड़ है।  उन्होंने कहा कि 2022 तक भारत की डिजिटल इकनॉमी एक ट्रिलियन डॉलर (65 हजार करोड़ रुपये) पहुंचाने का लक्ष्य है। 

अवार्ड के लिए इंजीनियर्स के बजाय क्रू मेंबर्स से काम चलाया

इलेक्रामा में 300 शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए थे। जिनमें से 109 के शोध चुने गए थे। इन्हें समापन अवसर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से प्रमाण पत्र बांटे जाने थे। समारोह में इंजीनियर्स अवार्ड देने के लिए मंत्रीजी और अन्य तो खड़े हुए लेकिन नाम पुकारा गया तो विजेताओं में एक भी नहीं पहुंचा। बताया गया कि एक दिन पूर्व ही शोध प्रस्तुत करने के बाद अधिकतर चले गए थे।

मंच पर विजेताओं के न पहुंचने पर वहां के आयोजन समिति के क्रू मेंबर युवाओं को ही मंच पर स मानित कर दिया गया। जबकि छह इनोवेशन अवार्ड के लिए  पहला पुरस्कार फरहीन चिश्ती, दूसरा पुरस्कार दो छात्रों अमन झा व ऋषिकांत शर्मा को, वहीं आयशा फिरदास, निशांत कुमार व सुनील पांडे को तीसरा पुरस्कार दिया गया। प्रसाद ने कहा कि उद्योग जगत को युवा प्रतिभा को प्रोत्साहित करना चाहिए तथा भारत को इलेक्ट्रॉनिक निर्माण की दृष्टि से ग्लोबल हब बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए। 

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