पैगंबर पर टिप्पणी विवाद : दिल्ली की अदालत ने एआईएमआईएम के 30 कार्यकर्ताओं को न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एआईएमआईएम पार्टी के 30 कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी के निलंबित नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दंगा समेत विभिन्न आरोपों में 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया;

Update: 2022-06-11 00:17 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के 30 कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी के निलंबित नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दंगा समेत विभिन्न आरोपों में 3 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। शहर की पटियाला हाउस अदालत मामले की सुनवाई कर रही थी। गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दंगा भड़काने और गैरकानूनी सभा एकत्र करने, सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को रोकने सहित आईपीसी की विभिन्न धाराएं जोड़ी गई हैं।

पुलिस के अनुसार, उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने सार्वजनिक शांति को भंग करने की कोशिश की है और लोगों को भड़काने के लिए संदेश पोस्ट तथा साझा किए हैं।

एआईएमआईएम के कई सदस्य निलंबित/बर्खास्त भाजपा नेताओं - नूपुर शर्मा और नवीन के. जिंदल के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संसद मार्ग पुलिस थाने के बाहर जमा हुए थे।

प्रदर्शनकारियों ने उपरोक्त भाजपा नेताओं की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। लेकिन जैसे ही उन्होंने संसद मार्ग थाने के बाहर नारेबाजी की, पुलिस ने 33 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले गई।

निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में भड़काऊ टिप्पणी के लिए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने गुरुवार को कहा था, "हमने उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है जो नफरत के संदेश फैला रहे थे, विभिन्न समूहों को उकसा रहे थे और ऐसी स्थितियां पैदा कर रहे थे जो सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक हैं। विश्लेषण के आधार पर एक मामला नूपुर शर्मा के खिलाफ और दूसरा कई सोशल मीडिया संस्थाओं के खिलाफ दर्ज किया गया है। विवरण के लिए सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजे जाएंगे।"

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