नागरिकता संशोधन कानून सावरकर के सिद्धांतों के खिलाफ : ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि नया नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय व्यक्तित्व विनायक दामोदर सावरकर के विचारों के खिलाफ है;

Update: 2019-12-16 01:27 GMT

नागपुर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि नया नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय व्यक्तित्व विनायक दामोदर सावरकर के विचारों के खिलाफ है।

राज्य विधायिका के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री ठाकरे ने आरोप लगाया कि सीएए जैसे मुद्दों को महिलाओं की सुरक्षा, बेरोजगारी और किसान संकट जैसे वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वीर सावरकर मुद्दे का जिक्र करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या सीएबी किसी विचारधारा पर आधारित आधारित है। हिंसा का क्या जो उस पर भड़की है?

उन्होंने कहा, “सावरकर के लिए हमारे विचार हमेशा वही रहे हैं जो पहले थे और भविष्य में भी वही रहेंगे। लेकिन जो लोग इस नए नागरिकता संशोधन कानून को लाए हैं, वे पूरी तरह से सावरकर के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।”

मुख्यमंत्री ने फिर से दोहराया कि एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सावरकर ने सुझाव दिया था कि देश सिंधु नदी से कन्याकुमारी तक एकजुट रहेगा।

उन्होंने पूछा, “अगर आप सावरकर पर विश्वास करते हैं, तो जब आप पिछले पांच वर्षों से सत्ता में हैं, तो आपने देश को एकजुट करने के लिए क्या किया है।”

श्री ठाकरे ने स्पष्ट किया कि सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है। राज्य में विकास कार्यों को रोकने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कोई भी विकास कार्य नहीं रोका है।
राज्य में शीतकालीन सत्र सोमवार से नागपुर में आयोजित किया जा रहा है और इसका समापन 21 दिसंबर को होगा।

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