भागवत के बयान पर ईसाई संस्था ने नाराजगी जताई
नई दिल्ली| राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सुप्रीमो मोहन भागवत व शीर्ष कैथोलिक संस्था के बीच- 'लिंचिंग' शब्द के ईजाद को लेकर बहस छिड़ी हुई है।;
नई दिल्ली| राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सुप्रीमो मोहन भागवत व शीर्ष कैथोलिक संस्था के बीच- 'लिंचिंग' शब्द के ईजाद को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं से हिंदू समुदाय में टूट व इस शब्द को ईसाइयत से जोड़ने वाली भागवत की टिप्पणी को लेकर ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन (एआईसीयू) ने एक विस्तृत बयान जारी कर आरएसएस व देश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की है और इस टिप्पणी के पीछे भागवत की 'राजनीतिक मंशा' को लेकर सवाल उठाया है।
आरएसएस के 8 अक्टूबर को हुए स्थापना दिवस समारोह के मौके पर भागवत ने मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा, "संघ से कोई भी इस तरह के जंजाल में नहीं फंसता। अगर इस तरह की कोई चीज घटित होती है तो वे वास्तव में इसे रोकने की कोशिश करेंगे।"
हिंदू धर्म व लिंचिंग के बीच किसी तरह के संबंध को 'साजिश' करार देते हुए भागवत ने कहा कि यह शब्द बाइबिल की एक घटना से आया है। उनके अनुसार, एक बार ईसा मसीह ने लोगों से एक महिला को पत्थर मारने को कहा, लेकिन ऐसा वे तभी कर सकते थे, जब उन्होंने खुद कोई भी कभी पाप नहीं किया हो।
प्रभावशाली ईसाई संस्था ने इसे लेकर भागवत पर हमला किया। ईसाई संस्था ने कहा कि बाइबिल व लिंचिंग के बीच तथाकथित संबंध भागवत द्वारा 'ईसाइयत को बदनाम करने व गिरोहों द्वारा दलितों व धार्मिक अल्पसंख्यकों का लिंचिंग पर से ध्यान हटाने के लिए बनाया गया है। यह गिरोह गौरक्षक होने का दावा करता है।'
आरएसएस सुप्रीमो द्वारा सही तरीके से बाइबिल का अध्ययन नहीं किए जाने की बात कहते हुए एआईसीयू ने घटना की व्याख्या करते हुए कहा कि भागवत ने हिंदू धर्म से लिंचिंग को अलग करने के लिए इसका संदर्भ दिया है।
संगठन ने सविस्तार बताया, "एक महिला का प्रकरण, जिसे यीशु इजरायल में भीड़ की लिंचिंग से बचाते हैं, वह न्यू टेस्टामेंट का अत्यंत महत्वपूर्ण समय है। पाखंडी भीड़ महिला की लिंचिंग कर रही है, जो उसे दंडित करना चाहती है। अगर यीशु ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो वह मार दी जाती। उन्होंने भीड़ को यह कहते हुए डांट लगाई कि सिर्फ वही व्यक्ति उसे पत्थर मार सकेगा जिसने कभी कोई पाप नहीं किया हो। इस पर भीड़ पीछे हट गई।"
एआईसीबी ने भी न सिर्फ भागवत पर, बल्कि भाजपा व गृहमंत्री अमित शाह पर भी धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
कहा गया, "धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना भाजपा प्रमुख का कार्य बन गया है, जो अब देश के गृह मंत्री भी हैं।"
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री जानबूझकर भागवत व शाह की टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
यह भी कहा गया, "मोदी अपनी चुनावी सफलता के लिए अमित शाह व आरएसएस के कृतज्ञ हैं।"