रामविलास के बिना चिराग का कोई वजूद नहीं : जदयू

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि चिराग वंशवाद की राजनीति का ज्वलंत उदाहरण हैं;

Update: 2020-10-06 01:49 GMT

पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि चिराग वंशवाद की राजनीति का ज्वलंत उदाहरण हैं और अपने पिता के बिना उनका कोई वजूद नहीं है।

जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को कहा कि लोजपा अध्यक्ष श्री पासवान अब तक अपने पिता रामविलास पासवान की छत्रछाया में राजनीति करते आए हैं। उनका खुद का कोई वजूद नहीं है। उन्हें राजनीति विरासत में मिली है। जमीनी मुद्दों से उनका कभी कोई सरोकार नहीं रहा है।

श्री प्रसाद ने कहा कि वंशवाद और परिवारवाद पर आधारित राजनीति का यही सबसे बड़ा सच है कि बगैर कुछ किये लोगों की महत्वकांक्षाएं बहुत बढ़ जाती हैं । वह सांसद बने, फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। वह उन्हीं की पार्टी थी और पार्टी ने उन्हें उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। यह वंशवाद का एक जीवंत उदाहरण है।

जदयू प्रवक्ता ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष की असली परीक्षा बिहार विधानसभा चुनाव में होगी, जब वह बिहार की जनता से संवाद करेंगे तब उन्हें इस जनादेश से पता चलेगा कि राज्य की जनता के बीच उनकी जमीनी पकड़ कितनी है। अभी बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने कि उनकी स्थिति नहीं है क्योंकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में अकल्पनीय, अद्भुत और अविश्वसनीय विकास का जो रोडमैप तैयार किया है उसकी तुलना हो ही नहीं सकती है। इसलिए चुनाव में श्री कुमार को जनता का आशीर्वाद अवश्य मिलेगा।

गौरतलब है कि विधानसभा का चुनाव जदयू के नेतृत्व में लड़ने से इंकार करे चुकी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज बिहारवासियों के नाम लिखे खुले पत्र में राज्य के लोगों को सचेत किया है कि जदयू प्रत्याशियों को दिया गया एक भी वोट उनके बच्चों को पलायन करने पर मजबूर कर देगा।

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