मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा से पंचमसाली समुदाय को आश्वासन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख उप-पंथ पंचमसाली को राज्य की ओबीसी सूची के 2 ए श्रेणी में लाने के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं देने पर आड़े हाथों लिया है;

Update: 2021-03-11 16:53 GMT

बेंगलुरू।  कर्नाटक के भाजपा नेता बसनागौड़ा पाटिल यतनाल ने मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख उप-पंथ पंचमसाली को राज्य की ओबीसी सूची के 2 ए श्रेणी में लाने के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं देने पर आड़े हाथों लिया है।
 

बुधवार को शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए यतनाल ने कहा कि वो यह जानना चाहते हैं कि राज्य सरकार उनके समुदाय (पंचमाली) को क्या ठोस आश्वासन दे रही है। उन्होंने कहा, "हमारे समुदाय के नेता और संत पिछले 100 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसमें उनकी 700 किमी की पदयात्रा भी शामिल है। वे फ्रीडम पार्क में धरने पर बैठे हैं और सरकार ने अब तक इस बारे में बोलने की भी जहमत नहीं उठाई है और ना ही हमें इसके बारे में बोलने की अनुमति दी है।"

उन्होंने जोर देकर कहा, "कर्नाटक के मुख्यमंत्री, येदियुरप्पा को विधानसभा में इसका जवाब देना चाहिए। आखिर वो कौनसी चीज है जो उन्हें हमारे समुदाय को आश्वासन देने से रोक रही है।" इस पर कानून और संसदीय मामलों के मंत्री बसवराज बोम्मई ने हस्तक्षेप करते हुए तर्क दिया कि राज्य सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर कैसे बात कर सकती है। इस बयान से नाराज यतनाल ने कहा, "क्या हमारे मुख्यमंत्री गायब हो गए हैं? मैं इस बात का जवाब किसी मंत्री से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री से चाहता हूं।"

मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में यतनाल ने कहा कि "येदियुरप्पा ने अपने समुदाय गनिगा को इसमें लाया था और जगदीश शेट्टार ने तो बिना मानदंडों का पालन किए ही अपने समुदाय बनजिगा को ओबीसी सूची में लाया था। ये दोनों केवल इसलिए मुख्यमंत्री बने क्योंकि हमारे समुदाय पंचमसाली ने समर्थन दिया वरना ऐसा संभव नहीं हो पाता।"

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