छत्तीसगढ़ : 'पौनी पसारी' योजना के तहत परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देगी सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 'पौनी पसारी' योजना प्रारंभ करने जा रही है;

Update: 2019-07-12 17:21 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 'पौनी पसारी' योजना प्रारंभ करने जा रही है। इस योजना के तहत नगरीय निकायों के बाजारों में जगह उपलब्ध कराए जाने के साथ ही व्यवसाय की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस योजना से लगभग 12 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार रात हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए 'पौनी पसारी' योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के जरिए सभी 168 नगरीय निकायों में जनसामान्य और युवाओं को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस योजना के तहत लोहारी, कुम्हारी, कोष्टा, बंसोड़ आदि का परंपरागत व्यवसाय करने के लिए नगरीय निकाय क्षेत्रों में चबूतरा एवं शेड निर्माण कराया जाएगा, और इन स्थानों को संबंधित लोगों को अस्थायी रूप से किराये पर उपलब कराया जाएगा और उन्हें व्यवसाय करने की सुविधा दी जाएगी।

बयान के अनुसार, इस योजना में महिलाओं को बराबर की हिस्सेदारी दी जाएगी। कुल 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। इस योजना से 12 हजार से ज्यादा परिवारों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे और आगामी दो साल में 73 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी। 

गौरतलब है कि देश के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में भी परंपरागत व्यवसाय का दायरा सिमटता जा रहा है। ऐसे कारोबार से जुड़े लोगों को न तो बाजार मिल पा रहा है और न ही सुविधाएं। परंपरागत कारोबार से जुड़े लोगों के शिक्षा का स्तर कम होने के कारण वे दूसरे क्षेत्र में जीवकोपार्जन का इंतजाम आसानी से नहीं कर पाते हैं। खास यह भी कि छत्तीगसढ़ में परंपरागत व्यवसाय से जुड़े लोगों की संख्या अन्य स्थानों से कहीं ज्यादा है। 
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