धान का कटोरा छत्तीसगढ़ अब हीरे का कटोरा भी कहलाएगा
रायपुर ! छत्तीसगढ़ को पूरे देश में धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब हीरे का कटोरा के रूप में भी जाना जाएगा।;
रायपुर ! छत्तीसगढ़ को पूरे देश में धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब हीरे का कटोरा के रूप में भी जाना जाएगा। शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वैश्य समाज के महासम्मेलन के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है, लेकिन भविष्य में इसे हीरा का कटोरा के नाम से जाना जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश करने का प्रस्ताव भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्य समाज की राष्ट्र निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, "यह ऐसा समाज है, जो सभी वर्गो की चिंता करता है। समाज के पास संसाधनों की कमी नहीं है और तकनीकी कौशल है। राज्य शासन द्वारा कौशल विकास की योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। वैश्य समाज भी प्रदेश के युवाओं के कौशल प्रशिक्षण और उन्नयन में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।"
उन्होंने कहा कि पहले व्यवसाय का स्वरुप अलग था। अब इसमें कई परिवर्तन आ गए हैं। ऑनलाइन शॉपिंग से घरों तक सीधे वस्तुएं पहुंच रही हैं। यहां तक कि गोबर के कंडे भी ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। इस स्थिति में वैश्य समाज की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "छत्तीसगढ़ निवेश की ²ष्टि से सबसे अनुकूल राज्य है। यह हमारे देश के दिल अर्थात मध्य में स्थित है। जिस प्रकार हृदय से पूरे शरीर में रक्त प्रवाहित होता है उसी प्रकार छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी पूरे देश में है। यह आस-पास के राज्यों का व्यापारिक केंद्र भी है।"
उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ में एल्युमिनियम, लोहा, कोयला, बिजली प्रचुर मात्रा में है। यही नहीं देश का सबसे अधिक चावल उत्पादन करने वाले राज्यों में एक है। यह शांति का टापू है। राजधानी से राज्य के अंतिम छोर तक आवा-जाही में किसी प्रकार की समस्या नहीं है। जीएसटी लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ की भूमिका पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है और यह जल्द देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।"
महासम्मेलन के शुभारंभ सत्र को विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू, विधायक सत्यनारायण शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।