छत्तीसगढ़ का बस्तर हुआ कांग्रेसमय

भाजपा के गठन और छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब नक्सल प्रभावित बस्तर पूरी तरह कांग्रेसमय हो गया;

Update: 2019-10-25 17:57 GMT

रायपुर। भाजपा के गठन और छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब नक्सल प्रभावित बस्तर पूरी तरह कांग्रेसमय हो गया है और भाजपा का यहां पूरी तरह सफाया हो गया है। यहां की सभी 12 विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे में आ गई है। राज्य में कांग्रेस को 15 साल बाद सत्ता मिली है, यहां विधानसभा चुनाव के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलना पड़ी थी, मगर विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर वापसी की है। दंतेवाड़ा और उसके बाद चित्रकूट में जीत दर्ज कर कांग्रेस ने अपनी विधायक संख्या तो बढ़ाई ही है, साथ ही बस्तर की सभी 12 सीटों पर कब्जा जमा लिया है।

विधानसभा चुनाव में बस्तर की 12 सीटों में से 10 पर कांग्रेस जीती थी और भाजपा के खाते में दो आई थी, उसके बाद दंतेवाड़ा और चित्रकूट में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल कर जहां बस्तर को भाजपा मुक्त कर दिया तो दूसरी ओर 90 विधायकों की विधानसभा में विधायकों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है। चित्रकोट से कांग्रेस के राजमन बेंजाम ने जीत दर्ज की है।

भाजपा के गठन वर्ष 1980 के बाद हुए विधानसभा चुनावों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि इस क्षेत्र की 12 सीटों में से एक से लेकर 11 सीटें तक भाजपा के खाते में रही है, मगर गुरुवार को चित्रकोट के उपचुनाव के नतीजों के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि यहां से भाजपा का पूरी तरह सफाया हो गया है।

कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, "बस्तर की 12 की 12 सीटें कांग्रेस की हो गई हैं, क्योंकि वहां के लोगों ने भाजपा को नकारा है। भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों से लोगों में रोष है, भाजपा की सर्जिकल स्टाइक, धारा 370 हटाने, राफेल में नीबू लटकाने जैसे मुद्दों को जनता ने नकार दिया है, वहीं राज्य की भूपेश बघेल सरकार के कामों को जनता ने पसंद किया है।"

वहीं, भाजपा के नेता चित्रकोट उपचुनाव के नतीजे पर सीधी राय जाहिर करने से बच रहे हैं। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने चित्रकोट में कांग्रेस की जीत पर तंज कसते हुए कहा, "अब तो ईवीएम ठीक है न?"


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