जल-सीवर के राजस्व प्रगति को लेकर सीईओ सख्त

प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने जल-सीवर के राजस्व प्रगति को लेकर कड़ी आपत्ति जताई;

Update: 2019-08-09 13:24 GMT

नोएडा। प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने जल-सीवर के राजस्व प्रगति को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। तीनों जल खंड अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा है कि पांच लाख रुपये से अधिक के बकायेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। 15 दिन मे बकाया जमा करने नोटिस जारी किया जाए। नोटिस का संज्ञान नहीं लेने वाले बकायेदारों का कनेक्शन तत्काल प्रभाव से काट दिया जाए। इसके बाद भी यदि बकायेदार सुध नहीं लेते है तो उनकी आरसी जारी कर तहसील के जरिए बकाया वसूल करने की कार्रवाई पूरी कराई जाए।

कार्रवाई के प्रथम चरण में वाणिज्यिक, औद्योगिक, संस्थागत आवंटियों को शामिल किया जाए। उन्होंने गंगाजल की पूर्ण उपयोगिता नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी प्रकट की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मौजूदा समय में गंगाजल आपूर्ति की क्या कार्ययोजना है। कितनी गांव व सेक्टरों को लाभांवित किया जा चुका है। कितने शेष है। इसके अलावा एसटीपी के पूर्ण प्रयोग की क्या योजना है। एनटीपीसी को उपलब्ध कराए जाने वाले जल की क्या प्रगति है। 13 अगस्त को एनटीपीसी और जल निगम के अधिकारियों को कार्यालय बुलाया जाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि शाहदरा व कोंडली ड्रेन की दुर्गंध को समाप्त करने के लिए क्या किया जा सकता है। इसके लिए किसी पेशेवर संस्था से रिपोर्ट तैयार करवाई जाए।

इसके बाद सीएसआर फंड के जरिए इसका समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सेक्टरों में हो रही खराब जल आपूर्ति पर भी किसी निजी संस्था का सहयोग लेकर रिपोर्ट तैयार कराने और दुरुस्त कराने को कहा। सुधार नहीं होने की दशा में संबंधित अधिकारी, कर्मचारीव संविदाकार पर कार्रावई करने का निर्देश दिया। जल खंड में काम करने वाले नियमित कर्मचारी और संविदाकार की हाजिरी बायोमैट्रिक से की जाए। साथ ही जीपीएस आधारित घड़ी से उनकी उपस्थित दर्ज कराई जाए। एक माह में जल खंड उप महाप्रबंधक जीपीएस घड़ियों की खरीदारी करें। साथ ही ओएसडी के साथ सभी कर्मचारियों की तैनाती की जगह का स्थलीय निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार कर 15 दिन के भीतर उनके समक्ष प्रस्तुत करें। निरीक्षण औचक किया जाना चाहिए। अनुपस्थित कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई की जाए। 

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खराब मशीनों को किया जाए दुरुस्त

जल खंड में खराब मशीनों की संख्या अधिक है। यह संख्या क्रियाशील मशीनों की संख्या से कही अधिक है। इसलिए इन्हें  तत्काल दुरुस्त किया जाए। खराब पड़े नलकूपों को जल्द से जल्द दुरुस्त करवा कर उसकी रिपोर्ट समक्ष प्रस्तुत की जाए। यदि जल भराव की समस्या शहर में होगी तो निश्चित रूप से जल खंड व सिविल विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। 

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कंपनी किया ब्लैक लिस्ट 

सेक्टर-19 में सीवर लाइन को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। यह कार्य मई माह में पूरा किया जाना चाहिए था, लेकिन इसका कार्य अभी तक जारी है। ऐसे में उन्होंने मेसर्स अनुज इंटरप्राइजेज को काली सूची में डालकर कागज  समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 

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भू लेख के साथ करें बैठक 

जिन परियोजनाओं में अतिक्रमण बाधक बन रहा है या भूमि अर्जन की समस्या है। इसके लिए भू-लेख विभाग से संपर्क कर बैठक की जाए। इसके बाद योजनाओं पर काम शुरू किया जाए। आगामी बैठक में इस मामले पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। 

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