केंद्र सरकार श्रम कानूनों को खत्म कर कर्मियों को लाभों से वंचित कर रही : सिमैया

हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू के राजहरा इकाई का 13 वाँ त्रैवार्षिक सम्मेलन संपन्न हुआ;

Update: 2019-08-20 15:01 GMT

दल्लीराजहरा। हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू के राजहरा इकाई का 13 वाँ त्रैवार्षिक सम्मेलन संपन्न हुआ। 

सम्मेलन के शुरूआत में यूनियन के अध्यक्ष कामरेड पुरुषोत्तम सिमैया ने झंडा फहराया तत्पश्चात शहीद वेदी पर उपस्थित सभी साथियों में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया. सम्मेलन संचालन हेतु दो सदस्यीय अध्यक्ष मंडल कामरेड पुरुषोत्तम सिमैया एवं कॉमरेड माधव पाटिल का गठन किया गया. तत्पश्चात अतिथियों को मंच पर आमंत्रित करने के बाद कॉमरेड ज्ञानेंद्र सिंह ने शोक प्रस्ताव रखा एवं सभी दिवंगत साथियों को 2 मिनट का मौन श्रद्धांजलि दी गई।

सम्मेलन के खुले सत्र में विभिन्न बिरादरराना संगठनों के नेतृत्वकारी साथियों ने शुभकामनाएं दी. जिनमें मुख्य रूप से एसकेएमएस  के राजेंद्र बेहरा, व्यापारी संघ के अध्यक्ष रूप आनंद दसाणी, आंगनबाड़ी यूनियन से सभी पवार, रूति शालिनी देवी,  मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन के युवराज साहू, सीटू हिंर्री माइन्स के दास, बीएमएस के लखन चौधरी, जन मुक्ति मोर्चा के कुलदीप नोन्हारे एवं सीएमएसएस के गणेश राम चौधरी शामिल थे। 

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि कामरेड एम एस शांत कुमार में विस्तार से मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति एवं उसमे ट्रेड यूनियन की जिम्मेदारी पर बातों को रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों को खत्म कर कर्मियों को मिलने वाली सुविधाओं को चार कोड में समाहित कर न्यूनतम वेतन सहित अन्य लाभों को समाप्त कर रही है।

 जिसके खिलाफ संयुक्त रूप से संघर्ष को मजबूती से संगठित करना होगा. सम्मेलन में सचिव कामरेड प्रकाश छत्रिय द्वारा 3 वर्ष के गतिविधियों की रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुए संगठन की स्थिति एवं संगठन द्वारा किए गए आंदोलन को विस्तार से रखा साथ ही आगामी समय में संगठन के सामने निर्धारित किए जाने वाले लक्ष्यों को भी प्रस्तुत किया. जिस पर सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी बातों को रखा चर्चा पश्चात सचिव ने प्रतिनिधियों के द्वारा रखी गई बातें एवं उठाए गए सवालों का जवाब दिया।

 तत्पश्चात सर्वसम्मति से रिपोर्ट को पारित किया गया. सम्मेलन के दौरान पांच प्रस्तावों को प्रस्तुत किया गया जिसमें मुख्य रुप से ठेका श्रमिकों के शोषण के खिलाफ संघर्ष का प्रस्ताव, श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ प्रस्ताव, खदान कर्मियों मूलभूत सुविधाओं पर आंदोलन तेज करने का प्रस्ताव, स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं आंगनबाड़ी यूनियन के सम्मेलनों को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग देने का प्रस्ताव प्रमुख था।


 इन सभी प्रस्ताव पर सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधियों ने हाथ उठाकर समर्थन किया तथा ध्वनि मत से सभी प्रस्तावों को पारित किया गया. सम्मेलन में 59 सदस्य कार्यकारिणी चुने जाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे सम्मेलन में  सर्वसम्मति से  चुन लिया जिसमें 19 सदस्यीय पदाधिकारी समिति है. जिसमें अध्यक्ष प्रकाश क्षत्रिय, कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह, सचिव पुरषोत्तम सिमय्या, कोषाध्यक्ष गुरुउलू, उप कोषाध्यक्ष चार्ली वर्गिस, उपाध्यक्ष  प्रशांत गुरव, विनोद मिश्रा, पीके चापके , शीत कुमार बघेल, संगठन सचिव सुजीत मुखर्जी, कार्यालय सचिव उमेश दंडाले, सह सचिव रामाधीन विजय शर्मा, आरती राम ठाकुर, राजेश खन्ना, एससी बघेल, आरके साहू एवं 1 पद रिक्त है।

 सम्मेलन के अंत में समापन वक्तव्य देते हुए यूनियन के महासचिव डीवीएस रेड्डी ने कहा की निजी करण, वेज कोड बिल, वेतन समझौता पर अफॉर्डेबिलिटी क्लॉज कंपलसरी रिटायरमेंट, श्रम कानूनों में संशोधन सहित बहुत से खतरे तेजी से आ रहे हैं. जिसके खिलाफ स्वतंत्र एवं संयुक्त संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है स्वतंत्र एवं संयुक्त संघर्षों की बदौलत केंद्र सरकार को पिछले 5 सालों तक सेल के तीन इकाईयों के निजीकरण एवं श्रम कानूनों में संशोधन करने के मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया. किंतु पुन: सत्तासीन होते ही दुगनी ताकत के साथ वही सब कार्यों को करने में केंद्र सरकार  तुल गई है जिसे हर हालत में रोकना होगा अन्यथा ये सरकार मजदूर वर्ग को गुलाम बना देगी।

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