केन्द्र निकालेगा ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी विवाद का हल: नितिन गडकरी

केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में महानदी पर बने छह निम्न क्षमता वाले बैराजों को लेकर ओडिशा की आपत्तियों का समाधान करने का भरोसा;

Update: 2018-01-04 14:03 GMT

नयी दिल्ली। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में महानदी पर बने छह निम्न क्षमता वाले बैराजों को लेकर ओडिशा की आपत्तियों का समाधान करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह बातचीत के माध्यम से इस समस्या का हल निकालेंगे और ओडिशा को मनचाही मात्रा में पानी भी दिलाएंगे। 

गडकरी ने यहां लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजू जनता दल के सांसद नागेन्द्र कुमार प्रधान के पूरक प्रश्न के जवाब में यह अाश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो बैराज बनाये गए हैं, वे दो हजार हेक्टेयर से कम क्षमता वाले हैं और इसलिए उनके निर्माण के लिए केन्द्रीय जल आयोग की अनुमति लेनी आवश्यक नहीं है। इस बारे में छत्तीसगढ़ ने केन्द्र से कोई अनुमति नहीं ली है। इसी प्रकार से ओडिशा ने भी अपने राज्य में छोटे बैराजों के लिये कोई अनुमति केन्द्र से नहीं ली है। 

उन्होंने कहा कि जहां तक ओडिशा की जरूरत का सवाल है तो एक बार ओडिशा सरकार उनके मंत्रालय में आये तो छत्तीसगढ़ सरकार को भी बुलाकर दोनों राज्यों के बीच विवाद का सर्वमान्य समाधान निकाल लिया जाएगा क्योंकि पानी की कोई कमी नहीं है।

गडकरी ने कहा कि महानदी में कुल 69 अरब घन मीटर (बीसीएम) पानी है जिसमें 33 बीसीएम छत्तीसगढ़ के जल संग्रह क्षेत्र में है और 26 बीसीएम ओडिशा के जल संग्रह क्षेत्र में है, जबकि 10 बीसीएम पानी समुद्र में बह जाता है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि देश की सभी नदियों का 68 प्रतिशत समुद्र में बह जाता है, लेकिन इस बारे में कोई आवाज नहीं उठाता।

ओडिशा में बाढ़ के कारण 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को नुकसान होता है जिसका मूल्य करीब 800 करोड़ रुपये का होता है। उन्होंने कहा कि अगर ओडिशा सरकार इसे रोकने के लिये कोई कदम उठाती है तो केन्द्र इसमें सहयोग देने और पूंजीगत व्यय स्वयं वहन करने का तैयार है। 

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