केंद्र एससी-एसटी एक्ट में सुधार के लिए जल्द अध्यादेश जारी करे: लोजपा

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले से अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण कानून के कमजोर होने का हवाला देते हुए केन्द्र सरकार से इसमें सुधार के;

Update: 2018-07-28 16:53 GMT

समस्तीपुर । लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले से अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण कानून के कमजोर होने का हवाला देते हुए केन्द्र सरकार से इसमें सुधार के लिए जल्द से जल्द अध्यादेश जारी करने की मांग की है।

लोजपा सांसद एवं दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचन्द्र पासवान ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च को एक फैसला दिया था जिससे यह कानून कमजोर हुआ है। इससे दलित समुदाय में जबर्दस्त आक्रोश है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यदि 09 अगस्त से पहले अध्यादेश नहीं लाती है तो उनकी पार्टी देशव्यापी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि दलितों के आरक्षण का अधिकार कोई नहीं छीन सकता है और आरक्षण पर कुठाराघात उनकी पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। 

 पासवान ने कहा कि दलितों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर आज देश में राजनीति चरम पर है। दलित सेना इन वर्गों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के प्रति कृतसंकल्पित है।

उन्होंने कहा कि इस फैसले को देने में शामिल एक न्यायाधीश को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनटीटी) का अध्यक्ष बना दिया गया है जिससे लोगों में और आक्रोश बढ़ गया है। उन्होंने केंद्र से एनजीटी के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल को भी तत्काल पद से बर्खास्त करने की मांग की । 

इस अवसर पर लोजपा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशध्यक्ष नीलम सिन्हा, प्रदेश महासचिव मधुबाला सिन्हा, प्रदेश सचिव रीता पासवान, लोजपा जिला अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार कुशवाहा, लोजपा जिला प्रवक्ता उमाशंकर मिश्रा, नीरज भारद्वाज, मनोज ठाकुर, युवा लोजपा अध्यक्ष शिवानंद बमबम,दलित सेना के जिलाध्यक्ष राजकिशोर हजारी और लोजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो.दिलशाद समेत अन्य नेता उपस्थित थे।

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