सीएए नागरिकता लेता नहीं, बल्कि देता है : केंद्र

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) से किसी नागरिक के कोई भी मौजूदा अधिकार प्रभावित नहीं होगा;

Update: 2020-03-18 03:27 GMT

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) से किसी नागरिक के कोई भी मौजूदा अधिकार प्रभावित नहीं होगा।

केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को शीर्ष अदालत के समक्ष दाखिल हलफनामे में सीएए का बचाव करते हुए कहा कि सीएए किसी नागरिक के किसी भी मौजूदा अधिकार को प्रभावित नहीं करता है।

सरकार का कहना है कि इससे नागरिकों के कानूनी, लोकतांत्रिक या धर्मनिरपेक्ष अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। संबंधित कानून नागरिकता नहीं छीनता, बल्कि नागरिकता देता है।

केंद्र सरकार ने कानून बनाने के अधिकार को यह संसद की संप्रभु शक्ति करार देते हुए कहा कि अदालत के समक्ष इस शक्ति पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता। सरकार का कहना है कि याचिकाकर्ताओं ने यह नहीं बताया है कि देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए सीएए भेदभावपूर्ण कैसे है।

हलफनामे में दावा किया गया है कि सीएए किसी भारतीय से संबंधित नहीं है। यह न तो उनके लिए कोई नागरिकता बनाता है और न ही उसे दूर करता है।

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