सिंघवी: वे एक साज़िश करने वाले WhatsApp ग्रुप,... ... उमर खालिद पर सुप्रीम कोर्ट में बड़ी सुनवाई, जानें दलीलें
सिंघवी: वे एक साज़िश करने वाले WhatsApp ग्रुप, DPSG (दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप) का हिस्सा थे। मैं उसका हिस्सा नहीं था। उन्होंने महिला प्रोटेस्टर्स को फंड किया, मैंने नहीं किया। मैं सीलमपुर का लोकल रहने वाला था, उन्होंने नहीं किया। गुलफिशा का ज़िक्र मिस्टर राजू की दलीलों में सिर्फ़ दो बार हुआ। उनकी दलीलें मोटे तौर पर 3 हैं। बराबरी पर विचार नहीं किया जा सकता। देरी पर बेल इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि मैंने ऐसा किया है। और इससे भी ज़्यादा गंभीर बात यह है कि प्रोटेस्ट सरकार बदलने के लिए थे।
Update: 2025-12-02 05:35 GMT