जे. कांत: अगर समय-सीमा तय नहीं है, तो हम इसे ठीक... ... बिहार एसआईआर पर सुनवाई पूरी, जानिए कोर्ट में क्या दी गईं दलीलें

जे. कांत: अगर समय-सीमा तय नहीं है, तो हम इसे ठीक कर सकते हैं। अगर अपीलें एक पंक्ति के गुप्त आदेश से खारिज कर दी जाती हैं, तो उसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। हम आपको इस बारे में आश्वस्त करते हैं।

भूषण: कृपया अंतिम परिणाम देखें। चुनाव आयोग पहले कई प्रारूपों में अंतिम मतदाता सूची देता था... इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार कितने लोग बाहर रह गए, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। कितने प्रतिशत लोगों के पास मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) कार्ड वगैरह नहीं है। तकनीक बढ़ी है और चुनाव आयोग की इसे इस्तेमाल करने की क्षमता भी काफ़ी बढ़ गई है। उनका कहना है कि आपत्तियों के कारण 3.66 लाख मतदाताओं के नाम अंतिम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, वह सूची नहीं दी गई। चुनाव आयोग सूची देने से क्यों कतरा रहा है? ईपीआईसी पढ़ने योग्य प्रारूप में सूचियाँ क्यों नहीं दी जा रही हैं? वे गोपनीयता की बात करते हैं, मतदाता सूची में गोपनीयता क्या है? हर कोई साफ़-सुथरी मतदाता सूची की चिंता करता है।

Update: 2025-10-09 10:21 GMT

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