पश्चिम बंगाल और अन्‍य राज्यों में SIR के काम में बाधा पर SC सख्त

BLO को धमकाने के अलावा काम में बाधा डालने पर सर्वोच्च अदालत ने कहा, अगर हालात और बिगड़ते हैं तो पुलिस तो तैनात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।;

Update: 2025-12-09 08:15 GMT

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर ( BLO) को धमकाने के अलावा चुनाव आयोग की तरफ से कराए जा रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) के काम में कथित तौर पर बाधा डालने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है। उच्चतम न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य (SIR) में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सहयोग की कमी को गंभीरता से लेने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सनातनी संसद नाम के एक संगठन की याचिका पर भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। याचिका में पश्चिम बंगाल राज्य के वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद फाइनल पब्लिकेशन तक राज्य पुलिस अधिकारियों को चुनाव आयोगके डेप्युटेशन पर तैनात करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।


सेंट्रल फोर्स की तैनाती की जरूरत

याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट वी गिरी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच को बताया कि पश्चिम बंगाल में SIR ड्यूटी कर रहे बूथ लेवल ऑफिसर्स के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं और इसलिए सेंट्रल फोर्स की तैनाती की जरूरत है, क्योंकि राज्य इसके खिलाफ है। गिरी ने कहा, BLOs को सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने BLOs के लिए अंतरिम सुरक्षा की भी मांग की।


सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- हो सकती है अराजकता


इस पर सर्वोच्च अदालत ने कहा, अगर हालात और बिगड़ते हैं तो पुलिस तो तैनात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास सभी संवैधानिक शक्तियां हैं, जिससे हम बीएलओ और अन्य अधिकारियों को धमकाने की घटनाओं से डील कर सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे निपटें, वरना इन हालातों से अराजकता हो सकती है। जस्टिस बागची ने बताया कि एक FIR के अलावा पिटीशन में किसी और घटना का जिक्र नहीं था। बताई गई दूसरी घटनाएं ऐतिहासिक संदर्भ में हैं।" चुनाव आयोग की तरफ से सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने कहा कि पुलिस राज्य के हाथ में है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार को हमारे साथ कोऑपरेट करना चाहिए और हमें प्रोटेक्शन देनी चाहिए। अगर राज्य सरकार ऐसा करने से मना करती है तो हमारे पास लोकल पुलिस को डेपुटेशन पर लेने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है। जब तक हम डेपुटेशन पर नहीं लेते। अगर हमें लोकल पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो हमें सेंट्रल फ़ोर्स लेनी होगी।"


चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 5 IAS अधिकारी नियुक्त किए

चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के कामकाज की निगरानी के लिए पांच वरिष्ठ IAS अधिकारियों को स्पेशल रोल ऑब्जर्वर (SRO) नियुक्त किया है। यह कदम SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। जिन अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, उनमें रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुमार रवि कांत सिंह को प्रेसिडेंसी संभाग के लिए एसआरओ बनाया गया है, जबकि गृह मंत्रालय के नीरज कुमार बांसोद को मेदिनीपुर संभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कृष्ण कुमार निराला बर्दवान संभाग के लिए एसआरओ होंगे।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि एसआरओ की नियुक्ति से सभी संभागों में एसआईआर प्रक्रिया की जांच मजबूत होगी। राज्य में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण 4 नवंबर को शुरू हुआ था। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।

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