त्रिपुरा में 16387 करोड़ रुपये का बजट पेश
त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 16,387.21 करोड़ रुपये का कर-मुक्त बजट पेश किया;
अगरतला। त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 16,387.21 करोड़ रुपये का कर-मुक्त बजट पेश किया। सत्र के पहले दिन बजट पेश करते हुए देव वर्मा ने कहा कि बजट में कोई भी घाटा नहीं है। उन्होंने हालांकि पेट्रोल पर दो प्रतिशत और डीजल व पाईप वाले प्राकृतिक गैस पर एक प्रतिशत बिक्री कर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। वर्मा राज्य में वित्त मंत्रालय का भी प्रभार देखते हैं।
उन्होंने कहा, "बिक्री कर के बढ़ने और सेस को लागू करने से, राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 40.84 करोड़ प्रतिवर्ष कमाई होने की संभावना है। नए प्रस्तावित सेस की कमाई का इस्तेमाल राज्य में सड़क विकास के लिए किया जाएगा।"
भाजपा सरकार के पहले बजट में पथ कर को भी थोड़ा बढ़ाया गया है, जिसमें तिपहिया वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल नहीं हैं।
पिछले वित्त वर्ष(2017-18) के संशोधित अनुमान से इस वित्त वर्ष में 14.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने इस दौरान आठ नई योजनाओं की घोषणा की और कई मौजूदा योजनाओं और परियोजनाओं का दायरा भी बढ़ाया है।
बजट पेश करने के बाद, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव(वित्त) एम. नागाराजू ने कहा कि त्रिपुरा सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन की अनुशंसा लागू करने के लिए बजट में लगभग 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
बजट पेश करने के दौरान देव वर्मा ने यह भी कहा कि राज्य के दूर-दराज व जनजातीय इलाकों में रह रहे लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने के लिए 'संकटग्रस्ट परिवारों' की पहचान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 33 समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिससे 4.22 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। यह योजना पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार ने शुरू की थी।
उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार इस वर्ष जुलाई से सरकारी नौकरी करने वाले राज्य सरकार के नए कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना की शुरुआत करेगी। राज्य सरकार ने सरकारी डिग्री कॉलेजों में अंडर-ग्रेजुएट डिग्री के लिए पढ़ रहे छात्रों के बीच मुफ्त में स्मार्टफोन का वितरण करने का फैसला किया है।"
इसबीच, विधानसभा अध्यक्ष रेबती मोहन दास ने कहा कि नए विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव गुरुवार को होगा।
सदन के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए विधायक बिश्वबंधु सेन को संभवत: इस पद के लिए निर्विरोध चुना जाएगा।