कश्मीर पर भाजपा का समर्थन करने से बसपा समर्थक नाराज

संविधान के अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के कदम का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा समर्थन किए जाने से दलितों में नाराजगी;

Update: 2019-08-07 16:17 GMT

लखनऊ। संविधान के अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के कदम का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा समर्थन किए जाने से दलितों में नाराजगी है। वह पार्टी के इस कदम को समझ नहीं पा रहे हैं। भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ दलित नेता डॉ. उदित राज ने कहा, "बसपा कभी भी दलितों के अधिकारों की लड़ाई के लिए सड़कों पर नहीं उतरी है। इसके अलावा पार्टी ने संसद में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ आवाज नहीं उठाई है। अनुच्छेद 370 को खत्म करने का समर्थन करके बसपा ने साबित कर दिया है कि उसके हित मायावती और उनके परिवार तक ही सीमित हैं।"

बसपा के राष्ट्रीय संयोजक और मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने कहा, "आप कई वर्षों से भाजपा में थे और पार्टी से तभी बाहर निकले, जब आपको टिकट नहीं मिला। स्वार्थी उदित राज।"

आकाश आनंद ने स्पष्ट किया कि भाजपा के इस कदम पर उनकी पार्टी का समर्थन 'भारत पहले' के आधार पर है। उन्होंने कहा, "हमने राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर सरकार का समर्थन किया और हमारा निर्णय भी दलितों के हित में है। क्योंकि वे अब जम्मू एवं कश्मीर में आरक्षण के लाभ के हकदार होंगे।"

बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से लद्दाख का अलगाव बौद्धों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी।

उन्होंने कहा, "डॉ. आंबेडकर के अनुयायी बौद्ध इस फैसले पर खुश हैं और हम उनका समर्थन करते हैं।"

उत्तर प्रदेश में दलित हालांकि भाजपा के इस फैसले पर बसपा के समर्थन को राजनीतिक परिवर्तन के बदले नजरिए के तौर पर देख रहे हैं।

गोरखपुर के बसपा समर्थक रहमत अली खान ने कहा, "बसपा चुनाव के बाद भाजपा के साथ नहीं जा सकती थी, लेकिन अब उसने आखिरकार अपनी वफादारी दिखा दी है। हमें एक बार फिर धोखा दिया गया है।" 

इसके अलावा मुज्जफरनगर में बसपा कार्यकर्ता गुलाम बख्श ने भी इस फैसले की आलोचना की।

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