बीएसएनएल एमटीएनएल का विलय, कर्मचारियों को मिलेगा वीआरएस

सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के बंद किये;

Update: 2019-10-23 18:38 GMT

नयी दिल्ली। सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के बंद किये जाने की अटकलाें पर विराम लगाते हुये इनके विलय को बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी और पुनरूद्धार के लिए 15 हजार करोड़ रुपये बाँड से और संपदा मौद्रिकरण कर 38 हजार करोड़ रुपये जुटाने को अनुमति दे दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये संवाददाताओं से चर्चा में बीएसएनएल तथा एमटीएनएल के लिए पैकेज को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद देते हुये कहा कि अब इन दोनों कंपनियों के कर्मचारियों पर इनको लाभकारी बनाने की जिम्मेदारी होगी।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आकर्षिक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) पैकेज को भी अनुमोदित किया गया है। सरकार ने इन कंपनियों को प्रशासनिक आवंटन के आधार पर 4 जी स्पेक्ट्रम देने का भी निर्णय लिया है जो वर्ष 2016 के स्पेक्ट्रम मूल्य पर दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त वित्तीय मदद के लिए सॉवरेन बाँड के जरिये सरकार 15 हजार करोड़ रुपये जुटायेगी तथा इन दोनों कंपनियों के संपदा का मौद्रिकरण कर 38 हजार करोड़ रुपये जुटाये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार इन दोनों कंपनियों को पेशेवर और प्रतिस्पधी बनाना चाहती है। इसके लिए ये निर्णय लिये गये हैं। सरकार की मंशा कभी भी इन दोनों कंपनियों को बंद करने या बेचने या विनिवेश करने की नहीं रही है।

उल्लेखनीय है कि एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में सेवायें प्रदान करती है जबकि बीएसएनएल इन दोनों शहरों को छोड़कर पूरे देश में सेवायें देती है। गला कट प्रतिस्पर्धा के कारण भारी आर्थिक तंगी से ये दोनों कंपनियां जूझ रही हैं।
 

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