बीएमएस ने महंगाई भत्ते पर रोक के निर्णय का किया विरोध
केंद्र सरकार और 14 राज्य सरकारों की ओर से कोरोना संकट के कारण महंगाई भत्ते पर रोक लगाए जाने का आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ(बीएमएस) ने कड़ा विरोध किया है;
नई दिल्ली। केंद्र सरकार और 14 राज्य सरकारों की ओर से कोरोना संकट के कारण महंगाई भत्ते पर रोक लगाए जाने का आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ(बीएमएस) ने कड़ा विरोध किया है। देश के एक सबसे बड़ मजदूर संघ ने बुधवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार के सामने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया।
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक के दौरान भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने इसे एकपक्षीय निर्णय बताते हुए निम्न आय वर्ग के लोगों को इससे मुक्त रखने की मांग की।
बीएमएस के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने आईएएनएस को बताया कि "लगभग 14 राज्य सरकारों ने व्यापक रूप से वेतन-भत्तों में कटौती की है। केंद्र सरकार ने भी महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। इसकी कोई गारंटी नहीं कि यह राशि उन्हें वापस दी जाएगी या नहीं। केरल ने तो सभी मर्यादाओं को लांघते हुए प्रत्येक माह में छह दिन के वेतन में कटौती पांच माह तक जारी रखने का निर्णय लिया है। यानी कर्मचारियों को एक माह का पूरा वेतन कट जाएगा। इससे कर्मचारियों का हित प्रभावित हो रहा है।"
बीएमएस ने श्रम मंत्रालय से मांग की है कि केरल सरकार को वेतन में बेतहाशा की जा रही कटौती पर रोक लगाने का निर्देश जारी करे। भारतीय मजदूर संघ महंगाई भत्ते पर रोक लगाने के एकपक्षीय निर्णय का विरोध करता है।
बीएमएस के पदाधिकारियों ने श्रम मंत्री से पेंशनधारियों को राहत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो ईपीएफ पेंशनधारी तीन हजार रुपये से कम पाते हैं उन्हें एक हजार रुपये राहत स्वरूप दिए जाएं। पेंशन में किसी तरह की कटौती न की जाए। इतना ही नहीं, कोरोना संकट के दौरान जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनके पेंशन में रुका हुआ अतिरिक्त महंगाई भत्ता प्रदान किया जाए।