EVM में धांधली कर यूपी में बीजेपी ने जीती 21 सीट, सबूत आए सामने !

यूपी में 48 लाख वोटों का हुआ घोटाला, कई सीटों पर बदले गए परिणाम !;

Update: 2024-06-16 14:43 GMT

 ईवीएम एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है... एक बार फिर इसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है... दावा किया गया है कि बीजेपी को चुनाव में जो जीत मिली है... वो हेराफेरी कर हासिल की गई है... नहीं तो बीजेपी की सीटों की संख्या 150 भी नहीं होती... ईवीएम में इस गडबड़ी को लेकर एक याचिका एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा की तरफ से दायर की गई है...  इस दौरान नरेंद्र मिश्रा ने बड़ा दावा किया है... उन्होंने कहा है कि EVM में सबसे बड़ी गड़बड़ी का सबूत ये है कि अकेले उत्तरप्रदेश की 80 सीटों पर EVM में डाली गयी वोटों और गिनी गयी वोटों के बीच 48 लाख वोट का अंतर हैं.... यूपी की 80 लोकसभा सीटों के जो चुनाव परिणाम सामने आए हैं... उसमें से बीजेपी को जिन 33 सीटों पर जीत मिली है... उसमें से 21 सीटों पर जीत का अंतर 50 हजार से कम का है.... यानी 48 हजार वोटों की अगर हेराफेरी हुई हैं... और ये हेराफेरी बीजेपी के हक में की गई है.... तो साफ है यूपी में बीजेपी की सीटों की संख्या फिर 33 की जगह 12 रह जाती... और अगर विपक्ष को डाले गए वोटों को बीजेपी के हक में ट्रांसफर किया गया है तो फिर बीजेपी की सीटें और भी कम हो सकती थी... एडवोकेट मिश्रा ने तो यहां तक कहा है कि जो गडबडी उत्तर प्रदेश में हुई है... वैसे ही दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश कई राज्यों में हुई है... खासतौर पर उन राज्यों में जहां बीजेपी की सरकार है.... मिश्रा ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि मोदीजी चिंता ना करें, EVM बिल्कुल जिंदा है और पार्लियामेंट का सेशन शुरू होने से पहले हम सुप्रीम कोर्ट से फैसला ले आएँगे... दरअसल संसद का विशेष सत्र 24 जून को शुरू हो रहा है... अगले महीने जुलाई में मानसून सत्र भी होना है... जिसमें वित्त मंत्री बजट भी पेश करेंगी.... और संसद में ईवीएम को लेकर हंगामा मचना तय माना जा रहा है... .वैसे चुनाव आयोग की तरफ से अभी भी दावा किया जा रहा है कि ईवीएम में किसी तरह की गडबड़ी नहीं हो सकती है... ये पूरी तरह से हैक प्रूफ है.... लेकिन जिस तरह से ईवीएम को लेकर सवाल उठ रहे हैं... उससे साफ है कि इसे लेकर जो हंगामा मचा हुआ है... वो जल्दी शांत नहीं होगा....   वैसे भी ईवीएम को लेकर देश में हंगामे की शुरूआत हो चुकी है.... मुंबई के एक अखबार ने ईवीएम हैक करने का दावा किया है... जिसे लेकर राहुल गांधी ने कहा कि

एक्स : राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद
भारत में ईवीएम एक "ब्लैक बॉक्स" है, और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएँ जताई जा रही हैं. जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है.

 

 साफ हे ईवीएम का मामला एक बार फिर तूल पकड़ चुका है... एडवोकेट मिश्रा ने कहा है कि संसद सत्र से पहले वो सुप्रीम कोर्ट का आदेश ले आएंगे... तो दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से भी कहा जा रहा है कि वो इस मामले को संसद में उठाने के लिए तैयार हैं... वैसे भी इस बार संसद में विपक्ष की आवाज बेहद मजबूत दिखाई दे रही है... एक तरफ बीजेपी और उसके सहयोगियों की सीटों की संख्या कम हुई है... तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन इंडिया बेहद मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है... और अगर एडवोकेट मिश्रा के दावों पर यकीन किया जाए तो जनता ने सरकार बनाने का जनादेश इंडिया गठबंधन को दिया था.. .लेकिन ईवीएम में गडबडी कर एनडीए ने जनादेश को चुरा लिया... जहां एनडीए उम्मीदवार चुनाव हार रहा था... वहां हार को जीत में बदल दिया गया... अगर 40 सीटों पर भी चुनाव परिणाम बदल दिए गए हैं...  तो साफ है कि इस बार जनमत चोरी किया गया है... वैसे एडवोकेट मिश्रा का दावा तो 40 से भी ज्यादा सीटों पर गडबड़ी का है... लोकसभा चुनाव में एनडीए को 293 और इंडिया गठब्ंधन को 234 सीटों पर जीत मिली है... अगर 40 सीटें जिन्हें इंडिया जीत सकता था.. लेकिन हेराफेरी कर एनडीए की झोली में डाला गया... अगर ऐसा नहीं होता तो एनडीए की सीटे 253 रह जाती जबकि इंडिया की सीटें 274 तक पहुंच जाती है... वैसे एडवोकेट मिश्रा का दावा तो इंडिया को 300 से भी ज्यादा सीटों के जीतने का है... ऐसे में अब सभी की नजरें एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है... 

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