भाजपा ने त्रिपुरा में वेतनमान बढ़ोतरी का स्वागत किया

सातवें वेतनमान के अनुरूप त्रिपुरा में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढोत्तरी संबंधी राज्य सरकार की घोषणा का प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है;

Update: 2018-10-10 11:11 GMT

अगरतला। सातवें वेतनमान के अनुरूप त्रिपुरा में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढोत्तरी संबंधी राज्य सरकार की घोषणा का प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है।

पार्टी प्रवक्ता नाबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में कम्युनिस्ट शासन के 25 वर्षों के दौरान कर्मचारियों को उनके वैध बकाए भी नहीं मिल सके थे और इसकी वजह से राज्य के कर्मचारियोंं और पेंशनधारकों में जबर्दस्त अंसतोष था जिसकी वजह से कर्मचारियाें की कार्य संस्क़ति और राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा था।

 भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य की वाम मोर्चा सरकार ने विकासात्मक याेजनाओं के लिए जारी किए गए फंड का सही इस्तेमाल नहीं किया आैर सरकारी क्षेत्र में नियुक्तियों में अवैध चीजों को बढ़ावा दिया गया। राज्य की पूर्ववर्ती माणिक सरकार से भाजपा - आईपीएफटी सरकार को 11500 करोड़ रूपए का वित्तीय बोझ विरासत में मिला ।

पूर्ववर्ती सरकार ने कोई भी नई योजना लागू नहीं की थी और सरकारी धन को लूटने की प्रतियाेगिता खुले आम जारी थी। इन सब विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य की बिप्लव कुमार देब सरकार ने एक साहसिक कदम उठाया और इसका मकसद राज्य में पिछले 23 वर्षों से जारी असमानता को दूर करना था।”

उन्होंने आरोप लगाया कि वाम मोर्चा सरकार के कार्यकाल में राज्य का राजस्व आधार घट कर 13 प्रतिशत रह गया था और राज्य पूरी तरह केन्द्र सरकार पर निर्भर रह गया था ।लेकिन राज्य की मौजूदा सरकार ने सत्ता में आते ही‘ एक त्रिपुरा श्रेष्ठ त्रिपुरा” के सपने पर काम करना शुरू कर दिया और वेतनमान मे बढ़ोत्तरी का फैसला इस दिशा में एक बेहतर कदम है।

इस बीच वाम मोर्चा सरकार समर्थित कर्मचारी यूनियनों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कि सातवें वेतन आयोग के नाम पर सरकार ने वास्तव में कर्मचारियों और पेंशनरों को ठगा है और चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त मंत्री सातवें वेतनमान के नाम पर जोरशाेर से जो वादे कर रहे थे वे सब निरर्थक साबित हुए हैं तथा वेतन में कोई अधिक बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। 

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