विपक्ष के बिखराव का फायदा उठाने की कोशिश में भाजपा

नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान हो जाने के बाद सभी पार्टियां जीत का दावा कर रही है;

Update: 2017-11-26 00:56 GMT

लखनऊ। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान हो जाने के बाद सभी पार्टियां जीत का दावा कर रही है। विपक्ष योगी सरकार के छोटे से कार्यकाल को निशाना बनाकर जनता के बीच वोट बटोरने की जुगत में लगा हुआ है। जबकि भाजपा विपक्ष पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है। 

भाजपा की कोशिश लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली जोरदार जीत की लय को बनाए रखने की है, लगातार मिल रही चुनावी सफलता से भाजपा नेता और कार्यकर्ता कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं। वह इस चुनाव को भी अपने पाले से बाहर नहीं जाने देना चाहते। भाजपा में उत्साह की मुख्य वजह बिखरा विपक्ष है जिसका फायदा उठाने में पार्टी लगी हुई है। सियासी मसलों पर नजर रखने वालों का मानना है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी यदि मिलकर चुनाव लड़ती तो भाजपा के मजबूत गढ़ों में भी उसे पटकनी दी जा सकती है। लेकिन राजनैतिक माहत्वाकांक्षों के कारण सभी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।

नगरीय निकायों में भाजपा हमेशा ही बेहतर प्रदर्शन करती आई है। इस बार उसने विपक्ष की कमजोरी को देखते हुए पार्टी को उम्मीद है उसका प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन चुनावों को महज शहरी सरकार के लिहाज से नहीं देख रहे। यही वजह है कि मुख्यमंत्री इन चुनावों में 40 सभाएं कर चुके हैं। उनकी पार्टी चरणवार रणनीति बनाकर काम कर रही है।

दूसरी ओर अभी हाल में में विधानसभा चुनावों में मिली हार के सदमे से अब सपा धीरे-धीरे बाहर आ रही है, पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह का साथ मिलने के बाद अखिलेश यादव अब भाजपा पर हमलावर हो गए हैं। अखिलेश यादव पार्टी कार्यकर्ताओं पर अधिक भरोसा दिखा रहे हैं जिस कारण से विधानसभा चुनाव की अपेक्षा उनकी चुनावी रैलियां काफी कम हो रही है, लेकिन यह आत्म विश्वास पार्टी को भारी भी पड़ सकता है। उधर बसपा के लिए यह चुनाव उसकेे वजूद की लड़ाई बन गया है। यही कारण है कि बसपा कई साल बाद निकाय चुनाव अपने निशान पर लड़ जरूर रही है लेकिन पार्टी सुप्रीमो मायावती ने प्रचार से दूरी बनाए रखी है।

लंबे समय बाद हालत यह है कि जब उन्हें उत्तर प्रदेश में रैलियां और सभाएं करनी चाहिए, वह भोपाल में रैली कर रही हैं। कांग्रेस अपने परंपरागत अंदाज में है। इस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर जरूर कुछ जगहों पर रोड शो और सभाएं कर रहे हैं लेकिन कार्यकर्ताओं की कमी से कांग्रेस की मुश्किलें आसान होती नहीं दिख रहीं। ऐसे में यह देखना है कि स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्ष किस तरह से भाजपा की घेराबंदी कर उसे लगातार चुनावी सफलता हासिल करने से रोक पाता है।

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