संविधान बदलने की साजिश कर रही है भाजपा : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा है कि दोनों बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को खत्म कर देश का संविधान बदलने की साजिश कर रहे हैं;

Update: 2024-03-11 22:20 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला करते हुए कहा है कि दोनों बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को खत्म कर देश का संविधान बदलने की साजिश कर रहे हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सरकार बनाना चाहते हैं।

खड़गे ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा का सांसद खुलेआम कहता है कि पार्टी को संविधान बदलने के लिए लोकसभा में 400 का आंकड़ा चाहिए। उनका कहना था कि भाजपा इस बयान को गलत मानती है, तो उसे ऐसा कहने वाले सांसद को पार्टी से निकाल देना चाहिए।

उन्होंने कहा "मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा ने संविधान को सम्पूर्ण तरीके से स्वीकार नहीं किया है। एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं- संविधान नहीं बदला जाएगा, दूसरी तरफ वो अपने सांसद से कहलवाते हैं कि संविधान बदलने के लिए हमें दो तिहाई बहुमत चाहिए।"

उन्होंने कहा, "देश को आजादी दिलाने और संविधान बनाने में आरएसएस-भाजपा का कोई योगदान नहीं हैं। ये तिरंगे झंडे का भी विरोध करते रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा डॉ.अम्बेडकर की बात करते हैं, लेकिन उनके उसूलों को नहीं मानते हैं। अगर मानते तो संविधान बदलने की बात करने वाले लोगों को पार्टी से निकाल देते। भाजपा सामाजिक न्याय के खिलाफ है। जिस संविधान ने सभी को हक और आजादी दी उसे ही बदलने की बात आज भाजपा कर रही है। भाजपा हमेशा कांग्रेस पार्टी की आलोचना करती रहती है, क्योंकि हमने संविधान में लिखने बोलने की आजादी दी है।"

श्री खडगे ने कहा, "डॉ.अम्बेडकर ने देश को जो संविधान दिया उसे भाजपा के लोगों द्वारा नकारा गया। देश के गरीबों का हक छीनने के लिए भाजपा ऐसी कोशिशें कर रही है। देश की संस्थाओं को भी भाजपा एक-एक करके खत्म कर रही है। कैग भी इनमें से एक है। कैग रिपोर्ट से पता चलता है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने 8,50,000 करोड़ रुपए का घोटाला किया है, लेकिन भाजपा मानने को तैयार नहीं है। हम वीवीपैट का मुद्दा लेकर चुनाव आयोग के पास भी गए, लेकिन उसका भी हमें कोई जवाब नहीं मिला।"

उन्होंने कहा, "एसबीआई द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा देने के लिए 4 महीने का समय मांगना, इस बात को साबित करता है कि मोदी सरकार अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। अगर एसबीआई के पास डेटा है तो लिस्ट निकालिए फिर छिपाना क्यों है। लेकिन भाजपा सरकार ये जानकारी चुनाव से पहले सामने नहीं आने देना चाहती।"

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