ढाई दिन में गिरी भाजपा सरकार
कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया है। कुमार स्वामी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है;
बेंगलुरु। कर्नाटक के जरिये दक्षिण भारत में पैर पसारने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंसूबों को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब जरूरी बहुमत जुटाने में विफल रहे उसके नेता बी एस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने के तीसरे दिन ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस्तीफे के बाद राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए जनता दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को आमंत्रित किया है। राजभवन सूत्रों के मुताबिक, श्री कुमारस्वामी 23 मई को साढ़े 12 बजे शपथ लेंगे।
कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया है। कुमार स्वामी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। लेकिन कुमार स्वामी ने दावा किया कि वह जल्द ही बहुमत साबित कर देंगे। इससे पहले कांग्रेस और जद (एस) ने 117 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंपते हुए सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। शपथ ग्रहण समारोह में राहुल समेत कांग्रेस व जेडीएस के बड़े नेता मौजूद रहेंगे। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप श्री येदियुरप्पा ने विधानसभा में आज विश्वास मत पेश किया लेकिन उस पर मतदान से पहले ही उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। वह विधानसभा से सीधे राजभवन गए और राज्यपाल वजूभाई वाला को इस्तीफा सौंप दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। विधानसभा में इस्तीफे की घोषणा करने से पहले उन्होंने भावुक भाषण दिया।
भाजपा-कांग्रेस के बीच चला घमासान
कर्नाटक विधानसभा के 15 मई को आए परिणाम के बाद से ही सरकार के गठन को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान शुरू हो गया था और यह मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय में भी पहुंचा। स्थिति की नजाकत को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आधी रात के बाद से भोर तक इस मामले पर सुनवाई की और मामले में हस्तक्षेप भी किया। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के बीच जब कांग्रेस को लगा कि भाजपा सबसे दल के रूप में उभर रही है लेकिन जनता दल (एस) तथा उसे विधानसभा में भाजपा से ज्यादा सीटें मिल रहीं हैं तो उसने पूरे परिणाम आने की प्रतीक्षा किए बिना ही जनता दल (एस) को सरकार बनाने में समर्थन की घोषणा कर दी।
दोनों खेमों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया
शाम आते-आते दोनों खेमों ने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। विधानसभा की 224 सीटों में 222 सीट के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली जबकि कांग्रेस को 78 तथा जनता दल (एस) को 37 सीटें और उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली है। एक सीट निर्दलीय को तथा एक अन्य पार्टी को मिली है। राज्यपाल ने सबसे बड़े दल के रूप में श्री येदियुरप्पा को सरकार बनाने का निमंत्रण देने के साथ ही उन्हें बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का समय दिया। इससे बिफरी कांग्रेस और जनता दल (एस) ने 16 मई की रात सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया।
सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यपाल के फैसले को पलटा
न्यायालय ने बहुमत सिद्ध करने के राज्यपाल के 15 दिन के समय में भारी कटौती करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शनिवार को शाम चार बजे तक बहुमत सिद्ध करें। इस बीच राज्यपाल द्वारा कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के जी बोपैया को अस्थायी अध्यक्ष बनाए जाने का मामला भी सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा। अदालत ने इस नियुक्ति को रद्द करने की मांग को तो खारिज कर दी लेकिन विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने संबंधी कार्यवाही का पूरे देश में सीधे प्रसारण पर सहमति जताई।
'150 से सीटें जीतकर आऊंगा'
इस्तीफे से पहले कर्नाटक विधानसभा को संबोधित करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि 'मैं वापस आऊंगा, 150 से ज्यादा सीटें जीतकर आऊंगा'। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है और वो अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने जा रहे हैं। येदियुरप्पा ने अपने भाषण में मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार तय किया।