भाजपा सरकार का तानाशाही निर्णय था जीएसटी: शत्रुघ्न सिन्हा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरकार का तानाशाही निर्णय बताया;

Update: 2018-09-24 17:03 GMT

नागपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरकार का तानाशाही निर्णय बताया।

सिन्हा ‘युवा सांसद’ कार्यक्रम में शनिवार को बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण और जीएसटी पर निर्णय भाजपा या कैबिनेट बैठक में नहीं लिया गया।

सिन्हा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री को भरोसे में लिये बिना कालेधन को वैध बनाने के लिए इस तरह का तानाशाही निर्णय लिया।

उन्होंने भाजपा की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि मुझ पर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया जाता है लेकिन मैं देश और पार्टी के हित की बात करता हूँ। 

उन्होंने कहा कि यदि मैं कहता हूँ कि विमुद्रीकरण गलत था तो इसमें गलत क्या है। एक व्यक्ति के निर्णय से जनता को कितनी तकलीफ उठानी पड़ी। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी को सही रास्ता दिखाने के लिए इस्तीफा नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव के समय कहा गया था कि टिकट नहीं दिया जायेगा लेकिन मैं बहुत बड़े अंतर से चुनाव में जीता था। सरकार ने सच बोलने का अधिकार भी छीन लिया।

सिन्हा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में सही मायने में लोकतंत्र था लेकिन वर्तमान तानाशाही चल रही है।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में अनुशासित सदस्य की तरह रह रहा हूँ तो क्यों इस्तीफा दूं। कलाकार से राजनीतिज्ञ बने सिन्हा ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के कार्यों की भी सराहना की।

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