भाजपा संसद में असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बिल लाई, पास होते ही उपराज्यपाल ही होंगे सरकार : 'आप'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की बीजेपी सरकार के द्वारा दिल्ली शासन एक्ट में बदलाव के लिए लाए जाने वाले बिल का विरोध किया;

Update: 2021-03-16 00:21 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की बीजेपी सरकार के द्वारा दिल्ली शासन एक्ट में बदलाव के लिए लाए जाने वाले बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि, "केंद्र की बीजेपी सरकार संसद में असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बिल लेकर आई है, इस बिल पास होने के बाद दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार की बजाय उपराज्यपाल ही दिल्ली सरकार बन जाएंगे।" इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आज प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि, "दिल्ली की जनता द्वारा विधानसभा और एमसीडी उपचुनाव में खारिज किये जाने के बाद केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने के बिल को लाने की तैयारी कर ली है।"

"केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह बिल लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ होगा। इस बिल के माध्यम से बीजेपी उपराज्यपाल के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करने की तैयारी में है। भाजपा की केंद्र सरकार एलजी की शक्तियां बढ़ाकर दिल्ली के विकास को रोकने की तैयारी में है।"

उन्होंने कहा कि, "संविधान की व्याख्या के खिलाफ जाते हुए यह बिल पुलिस, भूमि और पब्लिक आर्डर के अतिरिक्त एलजी को अन्य शक्तियां भी देगा। यह बिल जनता द्वारा चुनी दिल्ली सरकार की शक्तियां कम कर एलजी को निरंकुश शक्तियां प्रदान करेगा।"

मनीष सिसोदिया के अनुसार, इस कानून के लागू होने से दिल्ली का विकास रुकेगा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी यह नहीं चाहती है कि दिल्ली के लोगों को विश्व स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, मुफ्त में बिजली और पानी मिल सके। बीजेपी स्वयं के शासित राज्यों की जनता को तो मूलभूत सुविधाओं से वंचित रख रही है, पर दिल्ली की जनता से भी उनकी सुविधाएं छीनना चाहती है। इसलिए एलजी को संविधान के खिलाफ जाते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से निरंकुश शक्तियां दी जा रही हैं।

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