'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' नाम से महागठबंधन ने अपना पहला चुनावी घोषणापत्र किया जारी, किए कई बड़े वादे
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने अपना पहला चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया। इस घोषणापत्र को 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' नाम दिया गया है। पटना में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा की;
बिहार विधानसभा चुनाव : महागठबंधन ने अपना पहला चुनावी घोषणापत्र किया जारी
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने अपना पहला चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया। इस घोषणापत्र को 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' नाम दिया गया है। पटना में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा की। इस घोषणा पत्र में मुख्य रूप से अति पिछड़ा समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाने और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने पर जोर दिया गया है। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद रहे।
महागठबंधन के इस घोषणा पत्र में कई बड़े वादे किए गए हैं:
• आरक्षण बढ़ाना: पंचायत और नगर निकायों में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
• कानून बनाना: अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST) की तरह अति पिछड़ा अत्याचार निवारण कानून बनाया जाएगा।
• आरक्षण की सीमा: आरक्षण की 50% की सीमा को आबादी के अनुपात में बढ़ाने के लिए विधानमंडल से पारित कानून को केंद्र के पास भेजा जाएगा।
• निजी संस्थानों में आरक्षण: राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू किया जाएगा।
• जमीन का आवंटन: भूमिहीन परिवारों को शहरी क्षेत्रों में 3 डिसमिल और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डिसमिल जमीन दी जाएगी।
• सरकारी ठेकों में आरक्षण: 25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों में EBC, OBC, SC, ST के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान होगा।
• NFS पर रोक: 'कोई योग्य नहीं मिला' (Not Found Suitable) के नाम पर नियुक्ति रद्द करने की प्रक्रिया को अवैध घोषित किया जाएगा।
इस दौरान राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में अति पिछड़ा, आदिवासी, ओबीसी और दलित समुदायों को उनकी आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी नहीं मिली है। उन्होंने अति पिछड़ा वर्ग को एक नया विजन देने की बात कही तो साथ ही अधूरे वादों के लिए नीतीश कुमार की एनडीए सरकार पर निशाना साधा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी बीजेपी को आरक्षण चोर बताते हुए कहा कि 17 महीने की महागठबंधन सरकार में हमने आरक्षण की सीमा को 70% तक बढ़ाया था और इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा था, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।
यानी देखा जाए तो कांग्रेस ने चुनाव से पहले इस घोषणापत्र के जरिए बड़ा दांव चल दिया है। जिससे एनडीए की टेंशन बढ़ गई है। अब देखना होगा कि इस घोषणापत्र का बिहार चुनाव में महागठबंधन को कितना फायदा मिल पाता है।