बिहार चुनाव हार के बाद राजद को बड़ा झटका, विजय कृष्णा ने दिया इस्तीफा

बिहार चुनाव में मिली हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बुधवार को एक और बड़ा झटका लगा है;

Update: 2025-12-11 04:41 GMT

पूर्व सांसद और मंत्री ने छोड़ी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व सभी पद

  • 2004 में नीतीश कुमार को हराकर सुर्खियों में आए थे विजय कृष्णा
  • हत्या मामले में आजीवन कारावास, 10 साल बाद हाईकोर्ट से मिली राहत

पटना। बिहार चुनाव में मिली हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बुधवार को एक और बड़ा झटका लगा है। राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री विजय कृष्णा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अपना त्यागपत्र भेजा, जिसमें उन्होंने कहा, “मैंने पार्टी की राजनीति और सक्रिय राजनीति से हटने का फैसला किया है। इसलिए, मैं राष्ट्रीय जनता दल की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।”

विजय कृष्णा को लंबे समय से राजद के प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता रहा है।

2004 के लोकसभा चुनावों में बरह निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के दिग्गज नेता नीतीश कुमार को हराने के बाद वे सुर्खियों में आए।

कई वर्षों तक पार्टी में एक सक्रिय और प्रमुख व्यक्ति होने के बावजूद, नेतृत्व के प्रति बढ़ती असंतोष की भावना को उनके पार्टी छोड़ने का कारण बताया जा रहा है।

हालांकि, उनका राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है।

1999 के लोकसभा चुनावों में विजय कृष्णा ने नीतीश कुमार पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था।

बाद में उन्होंने अदालत का रुख किया, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई।

2004 में उन्होंने बरह से चुनाव लड़ा और एक बार फिर नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए सीट जीत ली।

विजय कृष्णा के करियर में 2009 में एक नाटकीय मोड़ आया, जब पटना के कृष्णापुरी पुलिस थाना क्षेत्र में ट्रांसपोर्टर सत्येंद्र सिंह की हत्या कर दी गई।

विजय कृष्णा, उनके बेटे चाणक्य और दो अन्य लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया।

2013 में पटना की एक सिविल अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

लगभग 10 साल जेल में बिताने के बाद विजय कृष्णा को पटना उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली।

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