बिहार : भाजपा की पुराने सहयोगी दलों की 10 सीटों पर खास नजर, पूर्व मंत्रियों को तैयारी की जिम्मेदारी

भाजपा लोकसभा चुनाव को लेकर किसी तरह की रियायत बरतना नहीं चाहती है। भाजपा ने ऐसी 10 सीटों को चिन्हित कर उस पर खास तैयारी में जुटी हैं;

Update: 2023-08-29 23:07 GMT

पटना। भाजपा लोकसभा चुनाव को लेकर किसी तरह की रियायत बरतना नहीं चाहती है। भाजपा ने ऐसी 10 सीटों को चिन्हित कर उस पर खास तैयारी में जुटी हैं, जिस पर पिछले चुनाव में उसकी सहयोगी पार्टियों ने जीत दर्ज की थी।

बताया जाता है कि इन सीटों में वाल्मीकीनगर, कटिहार, पूर्णिया, गया, झंझारपुर, सुपौल, मुंगेर, किशनगंज, नवादा एवं वैशाली हैं।

इन लोकसभा क्षेत्रों में चार- चार विधानसभा का दायित्व एक नेता को दिया गया है। भाजपा इन सीटों पर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती है।

भाजपा के उपाध्यक्ष संतोष पाठक कहते हैं कि भाजपा बिहार की सभी 40 सीटों पर तैयारी कर रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिन लोकसभा क्षेत्रों में पिछले चुनाव में सहयोगी दल के प्रत्याशी विजयी हुए थे, वहां भाजपा का संगठन काफी मजबूत है।
ऐसी स्थिति में वहां तैयारी की जा रही है कि आसानी से जीत मिल सके। सभी दल ऐसी तैयारी करते हैं।

भाजपा के एक नेता बताते हैं कि इस कार्ययोजना के तहत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र एक कलस्टर का हिस्सा है, जिसके लिए एक नेता को प्रभारी बनाया गया है।

कलस्टर प्लान के तहत पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी के अलावा पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, नारायण प्रसाद, रामसूरत राय, आलोक रंजन झा, नितिन नवीन, जनक राम, प्रमोद कुमार, नीरज सिंह बब्लू, रामप्रीत पासवान, राणा रंधीर सिंह के अलावा विधायक संजीव चौरसिया एवं विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर को चार-चार विधानसभा क्षेत्र का दायित्व सौंपा गया है।

इन लोगों को बूथ स्तर पर बैठक करके मतदाताओं को जागरूक करने से लेकर सोशल मीडिया तक के लिए प्रेरित करने का दायित्व सौंपा गया है।

इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और उसके प्रभाव पर जानकारी एकत्र कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए केंद्रीय, स्थानीय और जिला स्तरों पर एक त्रि-स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

इसे लेकर आंकड़े भी जुटाए जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई तरह के टास्क सौंपे गए है।

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