बिहार में बड़ी परीक्षा की घड़ी लेकर आने वाला है उपचुनाव, बीजेपी की होगी अग्निपरीक्षा
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जनता दल यूनाइटेड के निकल जाने के कारण भाजपा विधानसभा में अकेले पड़ गई है।;
पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से जनता दल यूनाइटेड के निकल जाने के कारण भाजपा विधानसभा में अकेले पड़ गई है। ऐसे में आने वाले समय में दो सीटों गोपालगंज और मोकामा में होने वाला उपचुनाव भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चल रही है, जिसे सात दलों का समर्थन प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि गोपालगंज पर पिछली बार भाजपा और मोकामा पर राजद को जीत मिली थी। गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह का निधन हो गया है, जबकि मोकामा के विधायक अनंत सिंह एक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सदस्यता खो दी है।
गोपालगंज भाजपा की परंपरागत सीट रही है। उप चुनाव की अभी तिथि घोषित नहीं हुई है लेकिन दोनो गठबंधन अपनी जीत को लेकर समीकरण बनाने में जुटे हैं।
भाजपा जहां गोपालगंज सीट बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी वहीं महागठबंधन मोकामा सीट बचाते हुए गोपालगंज सीट जीतकर भाजपा पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की हर संभव कोशिश करेगी। ऐसे में यह उपचुनाव दिलचस्प होने वाला है और बिहार की राजनीति की दिशा भी तय करेगा।
इसमें कोई शक नहीं कि जदयू के साथ गठबंधन करने के बाद राजद अभी मजबूत स्थिति में दिख रही है। हालांकि भाजपा अपने गढ़ को इतनी आसानी से छोड़ देगा यह असंभव है।
इस सीट को भाजपा के सुभाष सिंह लगातार चार बार से जीत रहे थे। पिछले चुनाव में राजद ने 2020 में इस सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी, और भाजपा यहां से जीत दर्ज की थी।
माना जा रहा है कि भाजपा ने अगर सुभाष के परिवार से किसी को टिकट दिया तो सहानुभूति लहर का लाभ मिल सकता है। वैसे, भाजपा के मिथिलेश तिवारी को भी यहां से टिकट का दावेदार माना जा रहा है।
महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की दावेदारी प्रबल है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि जदयू यहां से अपना प्रत्याशी उतार सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मामले पर कितना पीछे हटती है।
इधर, विधायक अनंत सिंह के मोकामा प्रारंभ से ही आसान सीट रही है। अनंत सिंह यह निर्दलीय, राजद और जदयू से चुनाव जीत चुके है। अनंत सिंह की पत्नी का उप चुनाव में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना तय है। भाजपा मोकामा सीट से अपने उम्मीदवार उतारेगी या केंद्र में सहयोगी राष्ट्रीय लोजपा को टिकट देगी तय नहीं है।