कोयला खनन के लिए देवस्थल हटाने से भडक़े ग्रामीण
कोरबा-हरदीबाजार ! एसईसीएल की दीपका परियोजना द्वारा कोयला उत्खनन के लिए चिन्हांकित क्षेत्र में की जा रही कार्यवाही के दौरान ग्रामीणों में उस वक्त आक्रोश व्याप्त हो गया;
कोरबा-हरदीबाजार ! एसईसीएल की दीपका परियोजना द्वारा कोयला उत्खनन के लिए चिन्हांकित क्षेत्र में की जा रही कार्यवाही के दौरान ग्रामीणों में उस वक्त आक्रोश व्याप्त हो गया जब यहां के 2 देव स्थल को किसी दूसरी जगह स्थापित कराये बगैर बारूद लगाकर उड़ाने की खबर उन्हें मिली। मौके पर बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने अधिकारियों को चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि दीपका परियोजना द्वारा कोयला उत्खनन के लिए हरदीबाजार-दीपका मुख्य मार्ग के किनारे बसे ग्राम मलगांव की जमीन अधिग्रहित की गई है किन्तु उक्त जमीन पर स्थापित हनुमान मंदिर एवं ग्रामवासियों के देवता मुंडा गोंसाई विराजित हैं। एसईसीएल द्वारा उपरोक्त स्थल का न तो मुआवजा दिया गया है और न ही दोनों देव स्थल को दूसरी जगह स्थापित करने जगह दी गई है और न ही इस विषय में ग्रामीणों से कोई चर्चा की गई। एसईसीएल द्वारा इन देव स्थलों के चारों तरफ गड्ढा कर ब्लास्टिंग के लिए बारूद लगा दिया गया। इसकी खबर जैसे ही ग्रामीणों को मिली कि एसईसीएल द्वारा देव स्थलों को उड़ाया जा रहा है, बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौके पर पहुंच गये और कार्यवाही का विरोध करते हुए कार्य बंद करा दिया। इस दौरान सरपंच श्रीमती धनकुंवर, संदीप कुमार कंवर, नकुल कंवर, कैलाश जायसवाल, केशव नारायण जायसवाल, शिव कंवर सहित उपस्थित ग्रामीणों ने उपस्थित अधिकारियों को कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक काम बंद रखा जाए। एसईसीएल की ओर से चर्चा कर सार्थक हल निकालने कहा गया और कोई हल निकलने तथा देव स्थल की पुन: स्थापना व उक्त स्थल का मुआवजा मिलने तक काम बंद रखने व डटे रहने की बात कही गई।
सुआभोड़ी प्रभावितों के साथ वार्ता विफल, विरोध जारी
दूसरी ओर दीपका विस्तार परियोजना प्रभावित ग्राम पंचायत चैनपुर के आश्रित ग्राम सुआभोड़ी के ग्रामीणों द्वारा गांव के नजदीक बिना सेफ्टी जोन छोड़े हुए खुदाई करने का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि खदान के किनारे 50 मीटर तक सेफ्टी जोन तैयार कर काम कराना चाहिए, लेकिन 3 मीटर तक भी सेफ्टी जोन नहीं छोड़ा गया है जिससे दुर्घटना की आंशका बनी हुई है। ग्रामीणों ने अन्य मांगे भी पूरी नहीं करने का आरोप लगाते हुए पिछले 4 दिनों से ओवर बर्डन का काम बंद कराया है। विरोध के मध्य आज दीपका प्रबंधन की ओर से नोडल अधिकारी जेके प्रसाद, स्टाफ आफिसर पीके मुखर्जी, श्रीमती संध्या (सीएसआर), नरेश प्रसाद वरिष्ठ प्रबंधक खनन ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से चर्चा की। पीने योग्य पानी की व्यवस्था, ब्लास्टिंग की तीव्रता कम करने, बसाहट, नौकरी व मुआवजा की मांग को बिलासपुर मुख्यालय स्तर का बताकर और अपनी ओर से पूरा प्रयास करने का आश्वासन देते हुए कार्य चालू रखने आग्रह किया गया जिसे ग्रामीणों ने नकार दिया। ग्रामीणों ने एसईसीएल द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि बढ़ाने, मूल खातेदारों को नौकरी देने, सेफ्टी जोन से आगे पड़े डंपिंग को हटाने की मांग की तब उच्च अधिकारियों से चर्चा कर निर्णय लेने की बात अधिकारियों ने कही। इस तरह वार्ता विफल रही और ग्रामीण विरोध पर डटे हुए हैं।