बनवारीलाल पुरोहित को तमिलनाडु में राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी मिली
महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका में रहे पूर्व सांसद बनवारीलाल पुरोहित को तमिलनाडु में राज्यपाल के रूप में चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी मिली है;
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका में रहे पूर्व सांसद बनवारीलाल पुरोहित को तमिलनाडु में राज्यपाल के रूप में चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी मिली है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुरोहित को असम के राज्यपाल पद से मुक्त कर तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में आज नयी जिम्मेदारी सौंपी। विद्यासागर राव के स्थान पर पुरोहित को यह जिम्मेदारी ऐसे समय मिली है, जब तमिलनाडु में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है और अन्नाद्रमुक सरकार को कुछ विधायकों के बागी होने के कारण सदन के पटल पर बहुमत साबित करना पड़ सकता है।
पुरोहित महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के प्रमुख राजनेता हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 1977 में की और कांग्रेस के टिकट पर 1979 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। उसके बाद 1984 तथा 1989 में वह कांग्रेस सदस्य के रूप में लोकसभा के चुने गए और 1996 में तीसरी बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे।
पुरोहित ने 1992 में कारसेवक के रूप में काम किया था जिससे कांग्रेस से उनकी अनबन शुरू हो गयी और आखिर उन्हें भाजपा में शामिल होना पड़ा। पुरोहित को अगस्त 2016 में असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
विभर्द क्षेत्र के राजनेता, उद्योगपति, समाजसेवी और शिक्षाविद पुरोहित ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु रहे महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा शुरू किये गये अंग्रेजी अखबार हिताब्द को फिर से शुरू किया था।