पर्यावरण और संसाधनों के दोहन के बीच सामंजस्य बनाया जाना चाहिए: नायडू

 उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारतीय शहरों के सतत विकास पर बल देते हुए आज कहा कि इसके लिए पर्यावरण और संसाधनों के दोहन के बीच सामंजस्य बनाया जाना चाहिए;

Update: 2018-05-17 14:32 GMT

नयी दिल्ली।  उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारतीय शहरों के सतत विकास पर बल देते हुए आज कहा कि इसके लिए पर्यावरण और संसाधनों के दोहन के बीच सामंजस्य बनाया जाना चाहिए।

नायडु ने आज यहां ‘ नौरोजी नगर विश्व व्यापार केंद्र और नेताजी नगर जीपीआरए कॉलोनी के पुनर्विकास’ के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश का ग्रामीण क्षेत्रों का तेजी से शहरीकरण हो रहा है। देश की आबादी का बड़ा हिस्सा शहरों में रह रहा है और आगे भी लोग शहरों में बसना चाहेंगे। 

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटीज अभियान के बाद से शहरीकरण में तेजी आयी है लेकिन इसके साथ ही शहरों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाया जाना चाहिए। शहर प्रशासन को नागरिकों का जीवन स्तर सुधारने पर जोर देते हुए स्वच्छता और सतत विकास पर ध्यान देना चाहिए। 

नायडु ने कहा कि पर्यावरण और संसाधन का संरक्षण करते हुए शहरों का सतत विकास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भवनों का निर्माण पर्यावरण की अनुकूलता को ध्यान रखकर किया जाना चाहिए। शहरों में ऊर्जा किफायत की तकनीक को अपनाया जाना चाहिए और संसाधनों को उचित इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस समारोह में केंद्रीय हरदीप सिंह पुरी और लोकसभा सांसद मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थी। 

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