मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद एक्शन में प्राधिकरण
मुख्यमंत्री योगी ने ये निर्णय लिया था कि 50 हजार बॉयर्स को मकान पूरा करके बिल्डर तीन महीने के भीतर कब्जा दिलाया जाए;
नोएडा। मुख्यमंत्री योगी ने ये निर्णय लिया था कि 50 हजार को मकान पूरा करके बिल्डर तीन महीने के भीतर कब्जा दिलाया जाए। यह संभव तभी हो सकता है जब प्राधिकरण बिल्डरों पर सख्ती बरते। इसके लिए शनिवार को प्राधिकरण में बिल्डरों के साथ बैठक की जाएगी।
बैठक में 39 बिल्डरों को अगले तीन महीने की कार्ययोजना के साथ उपस्थित होना होगा। जिसमे यह तय किया जाएगा कि तीन माह में बायर्स को कितने प्लैट प्रति बिल्डर द्वारा दिए जा सकते है। गौरतलब है कि शहर में बिल्डर और बॉयर्स के बीच चल रहे विवाद सुलझाने के लिए सीएम योगी ने मीटिग बुलाई थी। इसमें वरिष्ठ मंत्रियों की एक कमेटी, विधायक, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे ऑथारिटी के सीईओ, गौतमबुद्ध नगर के डीएम शामिल थे। बता दें, कमेटी में जिन मंत्रियों को शामिल किया था। उनमें नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा शामिल थे। कमेटी में शामिल कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया था कि सीएम योगी ने ये निर्णय लिया है कि 50 हजार बॉयर्स को मकान पूरा करके बिल्डर तीन महीने के भीतर कब्जा दिलाएं।
इसके अलावा तीनों अथॉरिटी अपने-अपने क्षेत्रों में बिल्डर्स-बॉयसह विवाद को निपटाने के लिए एक्सपर्ट एजेंसी तय करें। इसके लिए एक महीने का वक्त लगेगा। उसके बाद दो महीने में ये एजेंसी रिपोर्ट देगी, इसको हम आगे बढ़ाएंगे। सबसे पहले बॉयर्स को घर दिलाने का काम होगा। उन लोगों को कब्जा हर हाल में तीन महीने के भीतर दिलाना होगा। बड़े-बड़े बिल्डर्स इस बैठक में शामिल हुए थे। सबने सहमति दी थी।
अब इसी सहमति पर प्राधिकरण ने अपने तेवर सख्त करते हुए शनिवार को 39 बिल्डरों को तीन महीने की कार्ययोजना के साथ उपस्थित होने के लिए कहा है। बैठक दो चरणों में होगी। पहले बैठक सुबह 10 बजे और दूसरी 12 बजे होगी। बैठक की अध्यक्षता सीईओ करेंगे। जिसमे बिल्डर तीन महीने की कार्ययोजना का पूर्ण ब्यौरा देंगे। इसी बैठक में तय किया जाएगा कि जिन बिल्डरों के प्राधिकरण में बकाया है और उन्हें कंपलीशन चाहिए इसके लिए वह क्या करे। फिलहाल बायर्स के लिहाज से बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आम्रपाली के बायर्स ने कहा अब ठगा सा कर रहे महसूस
पिछले 36 दिनों से धरने पर बैठे आम्रपाली बायर्स गुरुवार को योगी कैबिनेट द्बारा बनाई गई मंत्रियों की कमेटी से मिलकर शुक्रवार को वापस धरना स्थल पहुंचे। धरनारत अपने साथियों को क्या आश्वासन दे। बायर्स ने एक शब्द में ही अपने साथियों को बया किया। वहां से निराशा के अलावा और कुछ हासिल नहीं हुआ। वहीं मंत्रियों से मिलने गए बायर्स का आरोप है कि भले ही वह भाजपा को वोट देकर सत्ता में लाए, लेकिन आज योगी के मंत्री कहीं न कहीं बिल्डरों के हितों के बारे में ही सोच रहे हैं। लखनऊ गए आम्रपाली के एक बायर अखिलेश्वर ने बताया कि हम लोग बड़ी आस के साथ यहां आए और सोचा था कि हमें मंत्रियों की ओर से राहत भरा सुझाव मिलेगा। लेकिन यहां आकर हमारी निराशा और बढ़ गई है।
उन्होंने बताया कि जब हम मंत्रियों की समिति से मिलने गए तो वहां हम लोगों से कहा गया कि हम ही बिल्डर को काम नहीं करने दे रहे हैं और बिल्डर को इस तरह से जेल में नहीं डाला जा सकता। अखिलेश्वर ने बताया कि मंत्रियों की बात सुनकर हमें अब विश्वास हो गया है कि भले ही हम लोगों ने भाजपा को वोट देकर सत्ता संभालने का मौका दिया लेकिन आज सरकार हम लोगों का नहीं बल्कि बिल्डरों का हित देख रही है। उन्होंने बताया कि योगी के एक मंत्री ने हमसे कहा कि हम लोग आपके लिए काम कर रहे है लेकिन आप लोग भी कहीं न कहीं बिल्डर को प्रोजेक्ट पूरा नहीं करने दे रहे।
आप लोग बिल्डर के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे हैं जिसके चलते उसका काम प्रभावित हो रहा है। लखनऊ से लौटने पर लगा कि यह लड़ाई हम सभी को अपने दम पर ही लड़नी होगी। इसके लिए राजनितिक पार्टी नहीं बल्कि हम सभी को एक मत होकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा। जिसके बाद ही कुछ हल निकलकर सामने आएगा।