अटल जी का का निधन, पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति: अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति बत;
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
शाह ने अपने शोक संदेश में कहा कि अटल जी की छवि इस देश के एक ऐसे जनप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरी जिसने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और राष्ट्र हितों से समझौता किए बगैर बेदाग राजनीतिक जीवन जिया। यही वजह रही कि देश की जनता ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं से बाहर जाकर उन्हें प्यार और सम्मान दिया।
Link of my blog: भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
अटल जी की स्मृतियों को नमन।
अटल जी को कोटि-कोटि वंदन। 🙏🙏https://t.co/jLFsJCBseZ
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ श्री वाजपेयी ने विपक्ष के रूप में जन्मी पार्टी के संस्थापक और सर्वोच्च नेता के तौर पर संसद और देश में एक आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाई वहीं प्रधानमंत्री की भूमिका में राष्ट्र को एक निर्णायक नेतृत्व भी प्रदान किया। अटल जी ने अपने विचारों और सिद्धांतों से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विचाराधारा के लिए समर्पित एक स्वयंसेवक और संगठन के एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में अटल जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। एक ऐसे विरले राजनेता, प्रखर वक्ता, कवि और अभिजात देशभक्त, भारत रत्न श्री वाजपेयी का निधन न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा, “ वाजपेयी के विचार, उनकी कविताएं, उनकी दूरदर्शिता और उनकी राजनीतिक कुशलता सदैव हम सबको प्रेरित और मार्गदर्शित करती रहेंगी। भारतीय राजनीति के ऐसे शिखर पुरुष को कोटि-कोटि नमन करता हूं और ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।
ठन गई
मौत से ठन गई
जूझने का मेरा इरादा न था
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था
रास्ता रोक वह खड़ी हो गई
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई
मौत की उमर क्या है?दो पल भी नहीं
ज़िन्दगी सिलसिला,आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ
लौटकर आऊँगा,कूच से क्यों डरूँ? pic.twitter.com/g9mqVzza17