अंतर-राज्यीय हिंसा से बचने के लिए असम सरकार तैयार करेगी एसओपी
असम-मेघालय सीमा पर इस सप्ताह की शुरूआत में पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत के बाद पैदा हुए तनाव के मद्देनजर असम सरकार ने एक नई मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने का फैसला किया है।;
गुवाहाटी, 24 नवंबर: असम-मेघालय सीमा पर इस सप्ताह की शुरूआत में पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत के बाद पैदा हुए तनाव के मद्देनजर असम सरकार ने एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का फैसला किया है। संवेदनशील अंतर्राज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को लाचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह से इतर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के दौरान सीमा पर हिंसा के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।
असम के पर्यटन मंत्री जयंत मल्लबरुआ ने कहा, राज्य मंत्रिमंडल ने एक एसओपी तैयार करने, विशेष रूप से अंतर-राज्यीय सीमाओं में संवेदनशील क्षेत्रों में घातक हथियारों के उपयोग के लिए नियमावली की सिफारिश करने को अपनी मंजूरी दे दी है। यह तय करेगी कि अशांत भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किन हथियारों या उपायों का इस्तेमाल करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
उन्होंने आगे उल्लेख किया कि राज्य के गृह और वन विभाग नई एसओपी तैयार करेंगे।
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भीड़ को खदेड़ने के लिए फायरिंग करने से पहले पुलिस संयम दिखा सकती थी। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बिना किसी कारण के फायरिंग थी।
मंगलवार को असम पुलिस और वन रक्षकों ने मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुक्रोह गांव में लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोका और उसके बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस और वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके बाद फायरिंग हुई।
इस फायरिंग में पांच नागरिक और एक असम फोरेस्ट गार्ड मारे गए।
जिसके चलते गांव और 885 किलोमीटर लंबी अंतर्राज्यीय सीमा के विभिन्न हिस्सों में तनाव व्याप्त है। ऐसे में दोनों पड़ोसी राज्यों द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की आवश्यकता है।