हैदराबाद: वाणिज्य, कनेक्टिविटी के लिए आसियान-भारत युवा शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित आसियान-भारत युवा सम्मेलन का तीन दिवसीय चौथा संस्करण यहां लियोनिया रिजॉर्ट में आयोजित हुआ।;

Update: 2023-02-13 15:35 GMT

हैदराबाद 13 फरवरी: विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित आसियान-भारत युवा सम्मेलन का तीन दिवसीय चौथा संस्करण यहां लियोनिया रिजॉर्ट में आयोजित हुआ।
आसियान महासचिव काओ किम होर्न ने इस अवसर पर वर्चुअली बोलते हुए प्रतिनिधियों से आसियान देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया, जिससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग और समन्वय बढ़ेगा। उन्होंने वैश्विक शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत-प्रशांत क्षेत्र में वांछनीय परिवर्तन लाने के जुनून के साथ बड़ी भूमिका निभाने वाले युवाओं की अनिवार्यता को भी रेखांकित किया।
केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और डोनर मंत्री जी किशन रेड्डी जिन्होंने रविवार को शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया, ने कहा कि आसियान देशों ने हिंदू और बौद्ध परंपराओं में निहित एक सभ्यतागत विरासत साझा की है। उन्होंने कहा कि साझा मूल्यों में बौद्ध विरासत से आए गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बंधन, रामायण एवं महाभारत के हिंदू महाकाव्यों के सामान्य विषय, संस्कृत तथा तमिल भाषाओं की साझा जड़ें व मानसून पर सहजीवी निर्भरता और इसमें शांति के लिए प्रतिबद्धता भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का विवरण देते हुए श्री किशन रेड्डी ने कहा कि सामूहिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए नीति ‘3 सी’ यानी वाणिज्य, कनेक्टिविटी और संस्कृति के आसपास लंगर डाले हुए है।
उन्होंने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र जीवंत पूर्वी एशिया नीति को लागू करने का प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सड़कों, रेलवे, वायुमार्गों, जलमार्गों और सूचना-मार्गों (इंटरनेट) के माध्यम से भौतिक संपर्क में सुधार के लिए पिछले 8.5 वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया है।
श्री रेड्डी ने कहा कि तथ्य यह है कि 2021-22 वित्तीय वर्ष में आसियान के साथ भारत का कुल व्यापार 42.3 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो कि भारत के वैश्विक व्यापार का लगभग 10 प्रतिशत है, आसियान देशों के बीच बढ़ते बंधन का प्रमाण है। उन्होंने आसियान के युवाओं का आह्वान किया कि वे आसियान के साथ उसके सभी आयामों में समग्र जुड़ाव के लिए प्रयास करें, जिसमें भौतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, संस्थागत और लोगों से लोगों का जुड़ाव शामिल है। यह भारत के लिए एक रणनीतिक प्राथमिकता बनी हुई है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि आसियान-भारत युवा शिखर सम्मेलन क्षेत्र के देशों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने और सहिष्णुता, बहुलवाद और विविधता के मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम होगा।
हाल ही में घोषित भारत-आसियान डिजिटल कार्य योजना 2023 को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरते क्षेत्रों में क्षमता निर्माण तथा ज्ञान साझा करना, जैसे साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 5जी का अनुप्रयोग, भविष्य के रुझानों के लिए प्रौद्योगिकियां, अगली पीढ़ी के स्मार्ट शहरों और सोसायटी 5.0 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफार्मों तथा उपकरणों का लाभ उठाना, राष्ट्रों के आगे जुड़ाव के प्रमुख क्षेत्र बनने जा रहे हैं।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत और दस आसियान देशों के युवा नेताओं के शिखर सम्मेलन और संगम से आम तौर पर आसियान देशों के सामने आने वाली चुनौतियों की साझा समझ पैदा होगी।
मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, लाओस, ब्रुनेई, कंबोडिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, म्यांमार और थाईलैंड के दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ-साथ पूरे भारत के 60 प्रतिनिधि अगले दो दिनों तक व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

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