ललित सुरजन की कलम से- यात्रा वृत्तांत: दूसरी चीन यात्रा: कुछ नए अनुभव
शंघाई में होनपु नामक नदी है, जो शहर के भीतर यू आकार में बहती है और इस तरह महानगर को तीन हिस्सों में बांटती है;
शंघाई में होनपु नामक नदी है, जो शहर के भीतर यू आकार में बहती है और इस तरह महानगर को तीन हिस्सों में बांटती है। बीच में एक जगह नदी तट पर कोई दो किलोमीटर लंबा घाट विकसित किया गया है, जो सैलानियों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
पास में ही वाहनों के लिए प्रतिबंधित एक सड़क है, जिस पर चहलकदमी करते हुए आप आजू-बाजू के मॉल व मैगा स्टोर्स में और कुछ नहीं तो विंडो शॉपिंग कर सकते हैं। इस बाजार में दुनिया के हर प्रसिद्ध ब्राण्ड का माल आपको मिल जाएगा।
चीन विश्व की दूसरी आर्थिक महाशक्ति बन चुका है और उसे न तो केएफसी या मेकडोनाल्ड से डर लगता है और न वालमार्ट से। इस सड़क पर घूमते हुए मन में सवाल उठा कि यहां जो महंगे-महंगे सामान बिक रहे हैं इनको आखिर खरीदता कौन है। समझ आया कि देश में निश्चित रूप से ऐसा धनिक वर्ग तैयार हो चुका है, जिसके पास यह सामर्थ्य है। दूसरे-नौजवानों को भी यह बाजार लुभा रहा है।
(देशबन्धु में 27 दिसम्बर 2012 को प्रकाशित)
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