सैनिक स्मारक कल सैन्य बलों को होगा समर्पित: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को अपने कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा है कि अब यह बनकर तैयार है तथा सोमवार को इसे देश के बहादुर सैन्य बलों को समर्पित कर दिया जाएगा;

Update: 2019-02-24 12:41 GMT

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को अपने कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा है कि देशवासियों को आजादी के बाद से ही इसका इन्तजार रहा है और अब यह बनकर तैयार है तथा सोमवार को इसे देश के बहादुर सैन्य बलों को समर्पित कर दिया जाएगा।

मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 53वें संस्करण में रविवार को कहा कि देश में अब तक सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों का कोई स्मारक नहीं था और इसी को देखते हुए उन्होंने इसके निर्माण का संकल्प लिया और यह स्मारक बनकर तैयार है।

स्मारक को ‘तीर्थ स्थल’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि देश के हर नागरिक को इस तीर्थस्थल पर जाकर राष्ट्र की सेवा के लिए अपना बलिदान करने वाले महान सपूतों को नमन करना चाहिए। यह राष्ट्रीय सैनिक स्मारक देश के लिए कुर्बानी देने वाले महान बलिदानियों के लिए राष्ट्र की तरफ से एक मामूली और विनम्र नमन है।

उन्होंने कहा कि यह वीर सैनिकों के अदम्य साहस का प्रतीक है। इसमें भारत माता के महान सपूत के जन्म से लेकर शहीद होने तक की कहानी को चार भागों में पेश किया गया है। स्मारक में हर शहीद की स्मृतियों को चार चक्र में अंकित किया गया है। उनके महान बलिदान पर इस स्मारक में उनके परिचय को अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र के रूप में दिखाया गया हैं।

उन्होंने कहा “मुझे विश्वास है ये देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाइन, हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले पिछले वर्ष अक्टूबर में उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया था और वह भी उनके उस विचार काे प्रतिबिम्बित करता है जिसके तहत वह मानते हैं कि देश को उन पुरुष, महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए जो अनवरत राष्ट्र की सुरक्षा में जुटे रहते हैं।

उन्होंने लोगों से इन दोनों स्मारकों पर जाने की अपील की और कहा कि वहां जाने के बाद अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डालें ताकि दूसरें लोग इससे प्रेरित होकर इन स्मारकों में अपने महान बलिदानी देशभक्तों को देखने के लिए उत्सुक हों।

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