मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

मोदी सरकार के खिलाफ तेलुगुदेशम् पार्टी (तेदेपा) की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में चर्चा के लिए बुधवार को स्वीकार कर लिया गया और इस पर चर्चा तथा मतदान शुक्रवार को कराया जाएगा;

Update: 2018-07-19 03:45 GMT

नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ तेलुगुदेशम् पार्टी (तेदेपा) की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में चर्चा के लिए बुधवार को स्वीकार कर लिया गया और इस पर चर्चा तथा मतदान शुक्रवार को कराया जाएगा। उस दिन सदन में न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर-सरकारी कामकाज। सुबह 11 बजे से चर्चा शुरू की जाएगी और उसी दिन प्रस्ताव पर मतदान भी कराया जाएगा। मोदी सरकार के चार साल से ज्यादा के कार्यकाल में उसके खिलाफ पहली बार अविश्वास प्रस्ताव आया है। मानसून सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल के बाद जरूरी कागजात सदन पटल पर रखवाने के बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को सूचित किया कि उन्हें तेदेपा के के. श्रीनिवास, थोटा नरसिम्हन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी के तारिक अनवर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और के.सी. वेणुगोपाल तथा रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन. के. प्रेमचंद्रन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि श्री श्रीनिवास का प्रस्ताव सबसे पहले मिला है इसलिए वह उन्हें प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दे रही हैं। 

50 से अधिक सदस्य प्रस्ताव के समर्थन में

इस पर श्री श्रीनिवास ने एक पंक्ति का अपना प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें कहा गया, 'यह सभा सरकार के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करती है।Ó इसके बाद अध्यक्ष ने जानना चाहा कि सदन में कितने सदस्य प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। विभिन्न दलों के 50 से अधिक सदस्यों के प्रस्ताव के समर्थन में खड़े होने पर उन्होंने कहा कि वह प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकार करती हैं, लेकिन चर्चा का दिन और समय बाद में तय किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए स्वीकार किए जाने के लिए कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन जरूरी होता है।

कांग्रेस ने लोस अध्यक्ष के सामने जताई नाराजगी

सदन में कांग्रेस के नेता श्री खड़गे ने इस पर नाराजगी जतायी कि अध्यक्ष ने उन्हें प्रस्ताव पेश करने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के नाते उनकी ओर से दिए गए प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। इस पर श्रीमती महाजन ने कहा कि श्री श्रीनिवास ने सबसे पहले प्रस्ताव का नोटिस दिया था इसलिए नियमों के अनुरूप उन्हें प्रस्ताव पेश करने का मौका दिया गया। इसमें बड़े या छोटे दल का कोई सवाल नहीं है। भोजनावकाश के बाद श्रीमती महाजन ने सदन को सूचित किया कि प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान 20 जुलाई को कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि उस दिन सुबह न तो प्रश्नकाल होगा और न ही गैर-सरकारी कामकाज। उल्लेखनीय है कि तेदेपा के सदस्यों की ओर से बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान भी कई बार अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था।

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