आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ प्रदेश व रायपुर जिलाध्यक्ष बर्खास्त

राज्य सरकार ने हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है;

Update: 2018-03-21 12:25 GMT

रायपुर। राज्य सरकार ने हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। संघ की प्रदेश अध्यक्ष पदमावती साहू व रायपुर जिला अध्यक्ष भुवनेश्वरी तिवारी को बर्खास्त कर दिया है। नगर निगम द्वारा आज दोनों नेताओं के खिलाफ जारी आदेश से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है।

इस तरह की कार्रवाई राजनांदगांव, जशपुर व अन्य जिलों में की गई है। इसके बावजूद अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। संघ ने कहा है शासन की दमनात्मक नीति के खिलाफ नहीं झुकेंगे। हमारी हड़ताल जारी रहेगी। नोटिस के बाद भी काम पर नहीं लौटने वाले अन्य कर्मचारी नेताओं के खिलाफ भी बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है।

शासकीय कर्मचारी घोषित करने, न्यूनतम मानदेय 18 हजार प्रतिमाह देने सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं हड़ताल पर है।

उनके बेमियादी हड़ाल से व्यवस्था चरमरा गई है। 5 मार्च से जारी हड़ताल को देखते हुए महिला बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने काम पर लौटने का आदेश दिया था। सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में पत्र जारी कर कहा था आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं तीन दिन में काम पर नहीं लौटती है तो उन्हें सेवा से पृथ्क कर दिया जाए।

इसके बाद भी हड़ताल जारी है। इन पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को अंतत: संघ की प्रदेश अध्यक्ष पदमावती साहू व रायपुर जिला अध्यक्ष भुवनेश्वरी तिवारी को बर्खास्त कर दिया है। दोनों रायपुर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत थी। रायपुर नगर निगम कमिश्नर रजत बंसल ने बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। 
 

लगातार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर काम पर लौटने का दवाब राज्य सरकार बना रही थी। महिला बाल विकास सचिव की तरफ से भी अल्टीमेटम जारी किया गया था।  हड़ताली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बिना मांग स्वीकारे से काम से लौटने से इंकार कर दिया था जिसके बाद अब कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। लम्बे समय से चली आ रही हड़ताल की वजह से 20 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों में कामकाज ठप हो गया है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 6 सूत्रीय मांगों में उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित कर न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये दिए जाएं। सेवानिवृति पर गुजर-बसर के लिए कार्यकर्ताओं को 3 लाख और सहायिकाओं को 2 लाख रुपये दिए जाएं।महिला कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद के लिए उम्र सीमा को समाप्त किया जाए और उन्हें सीधी पदोन्नति दी जाए।

मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र में तब्दील किया जाए। 10 से कम बच्चों वाले आंगनबाड़ी केंद्र को बंद नहीं किया जाए.। ड्रेस कोड की बाध्यता समाप्त की जाए। मृत्यु के बाद अनुग्रह राशि 50 हजार दी जाए।

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