आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अध्यादेश को रद्द किया

न्यायालय ने अपने आदेश में सरकार के अध्यादेश को निरस्त कर दिया और श्री निम्मगड्डा रमेश कुमार को एसईसी के पद पर बहाल करने का निर्देश दिया।;

Update: 2020-05-29 15:23 GMT

अमरावती। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी(वाईएसआरसीपी) सरकार को शुक्रवार को एक बड़ा झटका देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वी कानगराज को श्री निम्मागड़ा रमेश कुमार के स्थान पर प्रदेश चुनाव आयुक्त (एसईसी) के रूप में नियुक्त करने संबंधी अध्यादेश को रद्द कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सत्यनारायण मूर्ति की पीठ ने राज्य सरकार के अध्यादेश पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि मौजूदा परिस्थितियों में अनुच्छेद 213 के तहत अध्यादेश लाकर एसईसी को हटाया नहीं जा सकता और न ही नए एसईसी की नियुक्ति की जा सकती है।

न्यायालय ने अपने आदेश में सरकार के अध्यादेश को निरस्त कर दिया और श्री निम्मगड्डा रमेश कुमार को एसईसी के पद पर बहाल करने का निर्देश दिया।
 
भारतीय जनता पार्टी नेता एवं पूर्व मंत्री कामिनेनि श्रीनिवास समेत तीन लोगों ने अध्यादेश के जरिए एसईसी रमेश कुमार को हटाने और जस्टिस कनकराजन को नया एसईसी नियुक्त किये जाने संबंधी राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है।

श्री श्रीनिवास ने मीडिया से बातचीत में राज्य सरकार के अध्यादेश और श्री कुमार को हटाने संबंधी निर्णय को निरस्त किये जाने के न्यायालय के आदेश की सराहना की है। उन्होंने कहा, “ इस फैसले ने न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाया है।”
जनसेना पार्टी अध्यक्ष के पवन कल्याण , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव के राम कृष्णा , तेलुगू देशम पार्टी सांसद के श्रीनिवास और विधानपरिषद सदस्य बी वेंकन्ना ने भी उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।
 

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