विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान बनकर उभरेगा अंडमान : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश के हर नागरिक तक आधुनिक सुविधा पहुंचाना तथा उनकी जीवन को आसान बनाना उनकी सरकार का दायित्व है;
नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश के हर नागरिक तक आधुनिक सुविधा पहुंचाना तथा उनकी जीवन को आसान बनाना उनकी सरकार का दायित्व है और चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक ऑप्टिकल फाइबर सुविधा पहुंचने से लोगों को सहुलियतें तो मिलेंगी ही अंडमान निकोबार विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान भी बनकर उभरेगा।
श्री मोदी ने आज यहां वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक ‘सबमेरिन ऑप्टकल फाइबर केबल कनेक्टिवीटी ’ परियोजना के राष्ट्र को लोकार्पण के मौके पर यह बात कही।
उन्होंने कहा , “ बेहतर नेट कनेक्टिविटी आज किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सबसे पहली प्राथमिकता हो गई है
मुझे उम्मीद है, हमारे आज के प्रयास, इस दशक में अंडमान-निकोबार को, वहां के लोगों को, न सिर्फ नई सहूलियत देंगे बल्कि वर्ल्ड टूरिस्ट मैप में भी प्रमुख स्थान के तौर पर स्थापित करेंगे हमारा समर्पण रहा है कि देश के हर नागरिक, हर क्षेत्र की दिल्ली से और दिल से, दोनों दूरियों को पाटा जाए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास, वर्तमान और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण अंडमान निकोबार जैसे स्थान को, वहां के परिश्रमी नागरिकों को आधुनिक टेलीकॉम कनेक्टिविटी देना देश का दायित्व था। उन्होंने कहा कि जितना भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर अंडमान निकोबार में तैयार हो रहा है, वो ‘ब्लू इकोनोमी ’ को भी गति देगा। सरकार बंदरगाहों के क्षेत्र में ढांचागत विकास की अड़चनों को दूर करने में लगी है। उसका ध्यान समुद्र में व्यापार सुगमता को बढाने और समुद्री रास्ते से साजो सामान की आवाजाही को सरल बनाने पर है।
श्री मोदी ने कहा, “ देश आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। वैश्विक विनिर्माण के रूप में , वैश्विक आपूर्ति और वेल्यू चेन के एक अहम प्लेयर के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे वाटरवेज और बंदरगाह के नेटवर्क को सशक्त करना बहुत ज़रूरी है। आने वाले समय में अंडमान निकोबार, बंदरगाह के जरिये विकास के केन्द्र के रूप में विकसित होने वाला है।”
श्री मोदी ने अंडमान निकोबार का भोगौलिक महत्व बताते हुए कहा कि यह दुनिया के कई बंदरगाहों से अपेक्षाकृत अधिक नजदीक है और द्वीप तथा शेष देश के बीच समुद्री संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए कोची शिपयार्ड में जो चार जहाज़ बनाए जा रहे हैं, उनकी आपूर्ति जल्द होने वाली है। उत्तरी और मध्य अंडमान के बीच सड़क संपर्क को मजबूत करने के लिए दो बड़े ब्रिज और राष्ट्रीय राजमार्ग चार को चौड़ा करने का काम तेज़ी से हो रहा है। पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट में एक साथ 1200 यात्रियों की क्षमता कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगी। अंडमान और निकोबार के 12द्वीपों में हाई इम्पैक्ट प्रोजेक्ट का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा , “ इसके अलावा रोड, एयर और वॉटर के ज़रिए फिजिकल कनेक्टिविटी को भी सशक्त किया जा रहा है। नए भारत में, अंडमान निकोबार द्वीप समूह की इसी भूमिका को मज़बूत करने के लिए, 3 साल पहले द्वीप विकास एजेन्सी का गठन किया गया था।” उन्होंने कहा कि पूर्वी एशियाई देशों और समंदर से जुड़े दूसरे देशों के साथ भारत के मज़बूत होते रिश्तों में अंडमान निकोबार की भूमिका बहुत अधिक है और ये निरंतर बढ़ने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश हिन्द प्रशांत में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नई नीति और रीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। “आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा। एक बार जब ये पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे। इससे समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी, हमारे युवाओं को नए मौके मिलेंगे। ”
उन्होंने कहा ,“ ग्रेट निकोबार में करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए की संभावित लागत से ट्रांस शिपमेंट पोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव है। ऑनलाइन पढ़ाई हो, टूरिज्म से कमाई हो, बैंकिंग हो, शॉपिंग हो या दवाई हो, अब अंडमान निकोबार के हज़ारों परिवारों को भी ये ऑनलाइन मिल पाएंगी। अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, जीवन सुगम बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।