कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ा, शिक्षा में एफडीआई का प्रस्ताव

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2020-21 का बजट पेश करते हुए आय बढ़ाने और क्रयशक्ति बढ़ाने पर जोर दिया;

Update: 2020-02-01 13:23 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2020-21 का बजट पेश करते हुए आय बढ़ाने और क्रयशक्ति बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बजट को महत्वाकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और सुरक्षित समाज की प्रस्तावना को देखकर बनाया गया। वित्तमंत्री ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए 16 बिंदुओं की घोषणा की। महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रस्तावित कदमों में उन्होंने कृषि, संबद्ध गतिविधियों तथा ग्रामीण विकास के क्षेत्र को वित्त वर्ष 2021 में 2.83 लाख करोड़ रुपये आवंटन किए जाने का उल्लेख किया।

सीतारमण ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद योजना के साथ एमएसएमई और कृषि योजनाओं के विकास पर जोर दिया गया है। दूरदराज के इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए वित्तमंत्री ने वाएबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) की घोषणा की, जिससे वेयरहाउसिंह और कोल्ड-चेन इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी भागीदारी को बढ़ाया जा सके।

भारतीय छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए इस बजट में शिक्षा क्षेत्र पर भी फोकस किया गया है।

इसके अनुसार, शिक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और बाहरी वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के लिए द्वार खोल दिए गए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से विदेश के शीर्ष विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को भारत में उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण संस्थान स्थापित करने की प्रेरणा मिलेगी।

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