पीडीएस में अनियमितता का आरोप सबसे बड़ा घोटाला: अधीर रंजन चौधरी

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा ज्योतिप्रिय मलिक की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की कथित अनियमितताएं सबसे बड़ा घोटाला है और यह पूरे राज्य में गरीब लोगों की ‘संगठित लूट’ है।;

Update: 2023-10-27 17:54 GMT

कोलकाता । पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा ज्योतिप्रिय मलिक की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की कथित अनियमितताएं सबसे बड़ा घोटाला है और यह पूरे राज्य में गरीब लोगों की ‘संगठित लूट’ है।

श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि कोविड-19 अवधि के दौरान ‘राशन लूट’ कहीं अधिक गहराई तक जड़ जमाए भ्रष्टाचार था, जिसने गरीब लोगों को संकट काल (महामारी) में वंचित कर दिया। उन्होंने राशन भ्रष्टाचार को शिक्षा घोटाले से भी बड़ा करार दिया, जिसमें पूर्व शिक्षा और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था।
श्री चौधरी ने दावा किया कि कथित पीडीएस घोटाले की तुलना में शिक्षा घोटाला छोटा है।

राशन घोटाले के अलावा, श्री चौधरी ने आरोप लगाया कि किसानों को उनकी खेती की गई धान की बिक्री के दौरान मूल्य समर्थन प्रणाली प्रदान नहीं की गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि चावल मिल मालिकों को किसानों का धान खरीदने के लिए मजबूर किया गया और राज्य भर के जरूरतमंद किसानों को इससे वंचित रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां किसान अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित हो गए, वहीं कुछ चावल मिल मालिक अमीर हो गए।

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर राज्य भर में स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन से वंचित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दोहराया कि पीडीएस में अनियमितताएं संगठित लूट हैं और इस मुद्दे की गहन जांच की जानी चाहिए। उन्होंने घोटाले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। श्री चौधरी ने दावा किया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से गुणवत्तापूर्ण चावल बाजार में बेच दिया गया और बासी चावल पीडीएस में दिया गया। यहां तक कि गरीबों को उनके राशन कोटा से भी गुणात्मक और मात्रात्मक रूप से वंचित कर दिया गया।

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