अखिलेश की फिल्म से मुलायम सिंह गायब, रामगोपाल भी आउट
सपा की रार में रामगोपाल यादव का कहीं कोई जिक्र नहीं... अखिलेश सरकार की तारीफ करने वाले लोगों में मुस्लिम चेहरे ज्यादा;
सपा की रार में रामगोपाल यादव का कहीं कोई जिक्र नहीं
अखिलेश सरकार की तारीफ करने वाले लोगों में मुस्लिम चेहरे ज्यादा
गाजियाबाद ! जिस मिट्टी में हम जन्मे वह अपनी जिम्मेदारी है, यूपी अपनी मां है, मां की हम पर कर्जदारी है। खाओ कसम घर-घर शिक्षा का दीप जलाएंगे, गांव की अंतिम झोपड़ी तक हर सुविधा पहुंचाएंगे। पड़ी बेडिय़ां पांवों में जो उनको मैं अब खोल रहा हूं। राहें विकास पर चलते चलते अखिलेश यादव बोल रहा हूं। जी हां, ये उस गीत के बोल हैं जिसका इस्तेमाल समाजवादी पार्टी ने यूपी के चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए तैयार की गई शार्ट वीडियो फिल्मों में बार-बार किया है। खास बात ये है कि गीत में या फिल्म में एक बार भी मुलायम सिंह यादव का नाम या चित्र नहीं आया है।
प्रदेश स्तर पर तैयार इस फिल्म में स्थानीय प्रत्याशियों ने बीच-बीच में अपने सीन भी जुड़वा कर इसे नया रूप दिया है। अखिलेश यादव बोल रहा हूं गीत के बोल, स्वर और संगीत बेहद आकर्षक हैं। अखिलेश सरकार द्वारा पांच साल में किए गए विकास कार्यों का पूरा लेखा-जोखा इस गीत के साथ फिल्म में दर्शाया गया है। फिल्म में सब कुछ बहुत अच्छा है मगर पुराने समाजवादियों को इसमें मुलायम सिंह यादव का न होना कुछ खल रहा है।
सपा की रार में अखिलेश यादव का साथ देने वाले प्रो.रामगोपाल यादव का भी कहीं कोई जिक्र नहीं है। हां, आजम खां जरूर कभी-कभी नजर आ जाते हैं। गाजियाबाद में हज हाउस के लोकार्पण समारोह का सीन भी फिल्मों का हिस्सा है। बीच-बीच में अखिलेश सरकार की तारीफ करने वाले लोगों में मुस्लिम चेहरे ज्यादा रखे गए हैं। मुस्लिम बस्तियों के भी कई सीन हैं।